दूधवाले ने मेरी टाइट चुत खोली | Meri chudai ki sachi kahani

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Meri chudai ki sachi kahani – मेरी उम्र 32 साल है। मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है तथा फिगर 34-29-36 है।
मेरी शादी को लगभग 1 साल से ऊपर हो गया है। मैं बहुत सेक्सी विचारों वाली की लड़की हूं। शादी के पहले मैं किसी से नहीं चुदी थी लेकिन अपनी chut में मैंने अपनी फ़िंगर जरूर डाली थी।

मुझे ब्लू फिल्म देखने का बहुत शौक है और ब्लू फिल्म देखने के कारण मुझे लंबे और मोटे Lund बहुत अच्छे लगते हैं। शादी के बाद अपने पति का Lund देखकर मुझे बहुत निराशा हुई। उनका Lund सिर्फ 4 इंच लंबा था और वे मुझे ढंग से चोद भी नहीं पाते थे। महीने में कुछ दिन मेरे पति टूर पर रहते थे और मैं अपनी chut को सहला कर और बैंगन डाल कर ही काम चलाती थी।

हम लोगों के यहां एक दूध वाला, जिसका नाम संदीप था, रोज सवेरे 5-6 बजे दूध देने आता था। वह बहुत हेंडसम, हंसमुख और मजाकिया स्वभाव का था। वह अक्सर द्विअर्थी संवाद में बातें करता था, जैसे कि दूध डालते वक्त बोलता था- भाभी कितना डाल दूं?
मुझे कहना पड़ता था कि ‘पूरा डालो …’ या ‘आधा ही डालो आज!’

एक दिन सवेरे सवेरे संदीप रोज की अपेक्षा ज्यादा जल्दी दूध देने के लिये आया। मैं उस समय सो कर भी नहीं उठी थी, घंटी की आवाज सुनकर दूध का बर्तन लेकर मैं जल्दी से बाहर आई। मैंने घुटने के ऊपर की एक नाईटी जो फ्रॉक जैसी थी, पहन रखी थी और अंदर मैंने एक छोटी सी पैंटी पहन रखी थी।

जैसे ही मैंने दूध लिया, सवेरे की ठंडी हवा चलने लगी और मेरी फ्रॉक ऊपर उठ गई। दूध वाले को मेरी मरमरी जांघों और पैंटी के दर्शन हो गए। हाथ में दूध का बर्तन होने के कारण मैं फ्रॉक नीचे भी नहीं कर पा रही थी।
अब दूध वाले ने मुस्कुरा कर बोला- भाभी, आज तो आपने मेरी मॉर्निंग गुड कर दी।

मैं शरमा कर अंदर भाग कर आ गई। बाद में मैंने अपनी फ्रॉक को उठा कर खुद को आइने में देखा तब यह अहसास हुआ कि संदीप को क्या दिख गया। इसके बाद मैं जब भी दूध लेने जाती तो लोअर पहन कर के ही जाती थी।

दूध वाला मुझे देखकर हमेशा मुस्कुराने लगता था। अब वो मुझसे ज्यादा खुल गया था और बार-बार द्विअर्थी संवाद बोलता था। वह मुझसे बोलता था- भाभी एक बार मेरा मक्खन टेस्ट करके देखो, बहुत टेस्टी है।
धीरे धीरे मैं भी उसकी तरफ आकर्षित होने लगी थी।

कुछ दिनों के बाद संदीप ने मुझसे बोला- भाभी आजकल आप वह वाला ड्रेस नहीं पहनती है क्या जिसमें मेरी मॉर्निंग गुड हो जाती है?
मैंने मुस्कुराकर के पूछा- उस ड्रैस में ऐसा क्या खास है?
वह हंसकर बोला- भाभी उस ड्रेस में जब मॉर्निंग गुड होती है,तब मुझे केले के चिकने तने के दर्शन होते हैं।
मैं मुस्कुराने लगी; मैंने उससे कहा- जब अगली बार तुम्हारे भैया बाहर जाएंगे, तब पहनकर दिखाऊंगी।

मैंने भी अब मन ही मन ठान लिया था कि इस दूध वाले को पटा लूंगी।

जब मेरे पति बाहर जाने वाले थे उस दिन मैंने संदीप को बोला- भैया कल से आधा ही डालना क्योंकि तुम्हारे भैया बाहर जा रहे हैं।
संदीप ने हंसकर बोला- इसका मतलब है भाभी कि कल आप मेरी मॉर्निंग गुड करोगी।
मैं भी हंसकर बोली- रोज से आधा घंटा पहले आओगे, तभी तुम्हें मॉर्निंग गुड वाली ड्रेस पहन कर दिखाऊंगी।
वह हंसकर चला गया।

मैंने उस दिन ब्यूटी पार्लर जाकर वैक्सिंग वगैरह करवा ली और घर आकर अपनी chut के आसपास के सारे बाल भी निकाल कर chut को चिकना कर लिया।
अगले दिन जब वादे के मुताबिक संदीप जल्दी आया तब मैं सिर्फ फ्रॉक पहनकर दूध लेने गई; मैंने अंदर पैंटी नहीं पहनी। मेरा प्लान था कि जब हवा से फ्रॉक ऊपर उड़े, संदीप को मेरी चिकनी chut दिखाई दे जाये।

मुझे फ्रॉक में देख संदीप खुश हो गया। मैं भी उसे देख कर मुस्कुरा दी।
उसने पूछा- कितना डालूं?
मैंने भी मुस्कुरा कर बोला- आज तो आधा ही डालना।
उसने बर्तन में दूध डाला। हम दोनों 4-5 मिनट इधर-उधर की बातें करते रहे। गली में और कोई भी नहीं था। लेकिन आज कमबख्त हवा ही नहीं चल रही थी।

कुछ मिनट के बाद संदीप बोला- भाभी लगता है कि आज मॉर्निंग गुड नहीं होगी क्योंकि हवा ही नहीं चल रही है।
मैं इस पर हंस कर बोली- अगर हवा नहीं चल रही है, तो तुम खुद ही उठाकर मॉर्निंग गुड कर लो।

मेरा इतना बोलते ही उसने मेरी फ्रॉक ऊपर उठाई। मेरी चिकनी chut को देखते ही उसकी आंखें फटी की फटी रह गई; वो बोला- भाभी, आज तो कुछ ज्यादा ही मॉर्निंग गुड हो गई। मन कर रहा है एक चुम्मी ले लूं।
मैं मुस्कुराकर के आंखों से उसके Lund की तरफ इशारा करते हुए बोला- तुम भी तो मेरी मॉर्निंग गुड करो।

उसने इधर उधर देख कर पैन्ट से अपना Lund बाहर निकाला और बोला- लो भाभी, आप भी अपनी मॉर्निंग गुड कर लो। आपने तो मेरा Lund खड़ा कर दिया है अपनी चिकनी chut दिखा कर!
मैं भूखी निगाहों से उसके मोटे Lund को देखने लगी।
संदीप बोला- भाभी आगे क्या करने का प्लान है?
मैं बेशर्मी से धीरे से बोली- आगे तो रात को ही कुछ करेंगे। तुम्हारे भैया तो है नहीं यहां।

उसने मुझे रुकने का इशारा किया और नाप से एक लीटर दूध मेरे बर्तन में और डाला।
मैंने पूछा- यह क्यों?
उसने कहा- भाभी, अभी रात को मेवे वाला दूध पिलाना ना … तभी तो मजा दूंगा।

इसके बाद मैंने उसे समझाया कि शाम को लगभग 8:00 बजे मैं उसे उसके घर के पास से ले लूंगी।
फिर वह चला गया।
कमरे के अंदर आकर मैंने देखा, मेरी chut पूरी गीली हो गई थी।

अब मैं बेसब्री से शाम का इंतजार करने लगी। सही वक्त पर मैं संदीप को लेने लेने गई; वह मेरा ही इंतजार कर रहा था; उसके हाथ में एक पैकेट था।

मैंने उसे कार में बिठाया और वापस घर की तरफ चली। मैंने उसे बताया कि उसे कार के पिछली सीट पर लेट जाना है। कार को गैरेज में करने के बाद जब मैं दरवाजा बंद कर दूंगी तब वह बाहर आएगा और हम लोग गैरेज में बने दूसरे दरवाजे से जो कि मेरे घर में खुलता है से मेरे बेडरूम में चले जाएंगे।

उसने मुस्करा कर मेरी बात मान ली।
रास्ते में उसने पूछा- भाभी कंडोम का पैकेट खरीदना है क्या?
मैंने मुस्कुराहट के साथ बोला- भैया कोई जरूरत नहीं, मैं गर्भनिरोधक गोलियां खाती हूँ।

योजना के मुताबिक हम लोग मेरे घर में आ गए और गैरेज को लॉक करके मैंने संदीप को अपने घर में बुला लिया। अब पूरे घर में सिर्फ मैं और संदीप ही थे।

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संदीप ने अपने हाथ का पैकेट मुझको दिया।
मैंने पूछा- इसमें क्या है?
उसने कहा- भाभी जी, इसमें मक्खन है। आज रात को काम में आएगा।
मैं कुछ समझी नहीं लेकिन मैंने उसे नहाने के लिए भेज दिया।

अब मैं फटाफट मेकअप करके और संदीप की पसंद की फ्रॉक पहनकर तैयार हो गई चुदने के लिए। संदीप जब नहा कर आया, उससे सिर्फ टॉवेल पहन रखा था। मुझे इस सेक्सी ड्रेस में देख कर वह बहुत खुश हुआ और उसने मुझे गोद में उठा लिया और पलंग पर पटक दिया।

मैं पहली बार किसी गैर मर्द के सामने में इस तरह पड़ी हुई थी। संदीप ने एक झटके में अपना टॉवेल उतार दिया। उसका Lund जो लगभग 8 इंच से भी ज्यादा था और मोटा भी था, खड़ा होकर मेरी chut को सलामी दे रहा था।

संदीप के बोलने से मैं मेवे वाला दूध हम दोनों के लिए बना कर ले आई।
दूध पीने के बाद संदीप ने मुझसे पूछा- भाभी, आपको कैसा सेक्स पसंद है?
मैं थोड़ी शरमाती हुई बोली- बेदर्दी से चोदना मुझे आज!
संदीप हंसने लगा और बोला- लगता है भैया ने आपको ज्यादा नहीं चोदा है।
मैंने अपना सिर हिलाते हुए बोला- अगर चोदा होता तो तुम्हें क्यों बुलाती?

अब संदीप मुझसे बोला- भाभी, मैं तो तुम्हारे सामने नंगा हूँ। तुम भी तो अपने कपड़े उतारो।
मैं बोली- तुम खुद उतारो ना मेरे कपड़े!

इतना सुनते ही संदीप मुझे बांहों में भर लिया और मेरी फ्रॉक को उतार कर मुझे पूरी नंगी कर दिया। अब वह मेरे बायें उरोज को मुंह में लेकर चूसने लगा और दायें उरोज को मसलने लगा।
मैं तो तुरंत उत्तेजित होकर “उई … मां…” ऐसी सेक्सी आवाजें अपने मुंह से निकालने लगी।

संदीप मेरा हाथ पकड़ कर अपने Lund पर ले गया। मैं उसका Lund पकड़ कर आगे पीछे करने लगी। उसका Lund अब और भी तगड़ा हो गया। मेरे मम्मों को चूसते चूसते संदीप ने मेरी नाभि, कमर, जांघों और chut के आस-पास बहुत देर चूसा और काटा भी। मैं नीचे से chutड़ उछाल कर उसे सहयोग करने लगी।

अब संदीप ने अपनी जुबान मेरी chut पर रखी और उसे बेतहाशा चूसने लगा। मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गई। मैंने उसका सर पकड़ कर अपनी chut पर दबा दिया। वह पूरी जुबान मेरी chut में डालकर चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैं धीरे से बोली- मुझे भी अपना Lund चूसने के लिए दो।
उसने खड़े होकर मेरे मुंह में अपना Lund डाल दिया; मैं उसका Lund चूसने लगी। उसने मेरे सर को पकड़ा और मेरे मुंह की चुदाई शुरू कर दी। मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी, मेरी chut से मानो रस बहे जा रहा था।

थोड़ी देर मेरे मुंह को चोदने के बाद उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया। अब उसने पैकेट खोल कर मक्खन निकाला और मेरी chut के अंदर तक मक्खन से मालिश करी और अपने Lund की भी मैंने पूछा- ऐसा क्यों कर रहे हो?
उसने कहा- भाभी देखती जाओ। इससे तुम्हें बहुत ज्यादा देर तक मजा दूंगा।

अब उसने मेरी Gaand के नीचे तकिया लगाया और खुद मेरी टांगों के बीच में आकर बैठ गया। उसने अपने मोटे से सुपारे को मेरी chut पर रखा और मेरे छोटे से भगाकुंर से उसे रगड़ने लगा। मैंने उसे कहा- मुझे मत सताओ; जल्दी से मुझे चोद दो।
उसने मुझसे बोला- भाभी, इतनी भी क्या जल्दी है, पूरी रात पड़ी है तुम्हें चोदने के लिए।

मैं कुछ समझ पाती उसके पहले उसने chut पर सुपारा रखा और एक जोरदार झटका दिया। मेरे तंग और छोटे सुराख में उसका Lund फाड़ते हुए घुसने लगा। मुझे दर्द होने लगा।
तब उसने कहा- भाभी, लगता है आपके पति का Lund बहुत छोटा है; आपकी chut इसीलिए इतनी तंग है।
मैंने भी उसकी बात से सहमति जाहिर की।

अब वह बोला- भाभी, आपकी chut में मक्खन इसीलिए लगाया है कि मेरे मूसल जैसे Lund से आपको ज्यादा दर्द ना हो।
मेरे होठों पर उसने अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से धक्के मारकर मेरी chut में अपना पूरा मूसल घुसेड़ दिया। मेरी chut तो मानो फट गई थी।

अब धीरे-धीरे उसने Lund को chut में अंदर बाहर करना शुरू किया। मुझे भी धीरे-धीरे मज़ा आने लगा; पहली बार मुझे अपनी chut के फटने का एहसास हुआ। अब मैंने भी नीचे से धक्के मारते हुए चुदना शुरू किया।
थोड़ी ही देर में मूसल मेरी chut में आसानी से अंदर बाहर होने लगा। chut अच्छे से फैल गई थी और Lund के अंदर बाहर होने से फच फच की आवाज़ कर रही थी।

कुछ देर इस स्टाइल में चोदने के बाद संदीप ने Lund बाहर निकाला और खुद नीचे लेट गया। अब उसने मुझे अपने Lund पर बैठने के लिए कहा। मैं संदीप की तरफ मुंह करके उसके Lund पर बैठ गई और एक ही झटके में आसानी से पूरा 8 इंच मूसल मेरी chut में घुस गया।

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अब संदीप ने नीचे से धक्के मारने शुरू किये और मेरे chutड़ों को पकड़ लिया। मैं उसके Lund पर उछल उछल कर चुद रही थी। चोदते समय संदीप ने अपनी एक उंगली मेरी Gaand में डाल दी थी। मुझे इस तरह चुदने में बहुत मजा आ रहा था।
संदीप ने मेरे मम्मों को पकड़कर मसलना भी शुरू किया। बहुत जल्दी मेरी chut ने पानी छोड़ दिया।

थोड़ी देर और चोदने के बाद संदीप मुझसे बोला- भाभी, अब मैं आपकी Gaand मार लूंगा।
मैं डर कर बोली- नहीं संदीप, मुझे अपनी Gaand नहीं फटवानी है।
संदीप ने हंसते हुए बोला- अरे भाभी, तुम्हें भी बहुत मजा आएगा, एक बार मरवा के तो देखो।

संदीप के बार बार समझाने पर मैं Gaand मरवाने के लिए राजी हो गई।

अब संदीप ने मुझे कुतिया की तरह सेट किया और मेरी Gaand ऊपर उठाई तथा सर को नीचे कर दिया। अब उसने बाकी बचा मक्खन उंगली से मेरी Gaand के छेद में लगाना शुरु किया। पहले एक और बाद में दो उंगलियां मक्खन से लपेट कर मेरी Gaand में डालकर अंदर बाहर करने लगा।
मुझे समझ में आ रहा था कि वह मेरी Gaand के छेद को अंदर से चिकना कर रहा है जिससे उसके मूसल जैसे Lund से Gaand मरवाने में मुझे ज्यादा तकलीफ ना हो।

संदीप ने अब मुझसे कहा- भाभी थोड़ा हिम्मत रखना। मैं Gaand मारना शुरू करने वाला हूं।
मैंने भी सर हिला कर अपनी सहमति जाहिर करी।

संदीप ने अपना सुपारा मेरी Gaand के छेद पर रखा और मुझे कमर से पकड़ कर सुपारा धीरे धीरे मेरी Gaand में डालने की कोशिश करने लगा।
उसके सुपारे से मेरी Gaand फटने लगी।मैं दर्द के मारे चिल्लाने लगी।
संदीप ने अपना सुपारा बाहर निकाला और मुझसे कहा- भाभी, थोड़ी देर हिम्मत रखो ना, सिर्फ सुपारा घुसते समय थोड़ा ज्यादा दर्द होगा, बाद में बहुत मजा आएगा आपको।
यह बोलकर उसने अपने सुपारे पर ढेर सारा मक्खन और लगाया और मेरे Gaand के छेद पर रख कर एक हल्का सा धक्का और लगाया।

उसका सुपारा मेरी Gaand के अंदर घुसना शुरू हुआ। अब उसने मेरी कमर को पकड़ कर थोड़ा जोर से धक्का लगाया।
इस बार उसका सुपारा मेरी Gaand में घुस गया। मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मैं हिम्मत रखे हुए सहन कर रही थी। संदीप ने धीरे-धीरे अपने Lund को मेरी Gaand में पुश करना जारी रखा और लगभग दो -तीन इंच Lund मेरी Gaand में डाल दिया।

अब उसने मुझे कमर से और ज्यादा कस के पकड़ लिया और Lund को थोड़ा सा बाहर निकालकर झटके से अंदर घुसाने लगा। हर पुश के साथ उसका Lund थोडा अधिक अंदर घुस जाता था।
लगभग 5-7 मिनट की मेहनत के बाद संदीप अपना पूरा Lund मेरी Gaand में डालने में सफल हो गया।

उसने अब मेरे ऊपर ही लेटकर दोनों मम्मों को अपने हाथों में पकड़ लिया और Lund को Gaand के अंदर बाहर करने लगा। मम्मों को मसलने से मेरा दर्द भी थोड़ा कम हो गया और अब उसने अपना Lund बहुत बाहर तक खींचकर झटके से अंदर डालना शुरू कर दिया। धीरे धीरे मुझे भी Gaand मरवाने में मजा आने लगा और मैं भी अपनी Gaand उछाल उछाल कर Gaand मरवाने लगी।

अब संदीप ने एक हाथ में मेरे बाँयें मम्मे को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से मेरी chut को सहलाने लगा। मुझे अब तो बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। Lund Gaand मार रहा था और संदीप की उंगलियां मेरी chut को चोद रही थी।

लगभग बीस मिनट संदीप ने अपना Lund मेरे अंदर फंसा कर रखा और अचानक वो मेरे कान में बोला- भाभी, मेरा मक्खन मुंह में लोगी क्या?
मेरा तो जैसे दिमाग ही काम नहीं कर रहा था; मैंने उसे हां बोल दिया।

इसके पहले कि मैं कुछ समझ पाती उसने अपना Lund मेरी Gaand से निकाला और मेरे मुंह में डाल दिया। उसका गर्म गर्म वीर्य मेरे मुंह में गिरने लगा और मेरा पूरा मुंह संदीप के वीर्य से भर गया। मैंने सारा माल गटक लिया और उसके Lund को चाट चाट कर साफ कर दिया।

अब संदीप ने हंसकर पूछा- भाभी, कैसा लगा मेरा मक्खन?
मैं भी मुस्कुरा कर बोली- बहुत टेस्टी है।

हम दोनों इसके बाद सो गए।

रात को एक बार फिर संदीप ने मेरी चुदाई की। सवेरे सभी के जागने के पहले ही संदीप को मैं उसके घर छोड़ कर आ गई।

घर आकर जब मैंने कपड़े उतार कर के अपने आपको आईने में देखा तो देखा मेरे बूब्स, जांघ, कमर, नाभि और chut के आसपास चूसने के लाल लाल निशान हो गए थे। कुछ निशान मेरी गर्दन और होंठों पर भी थे। मेरी chut सूज गई थी और Gaand में दर्द हो रहा था। मुझे अपने आप से शर्म आ गई और मैं नहा कर नंगी ही सो गई।

इसके बाद जब भी मौका मिलता है मैं संदीप को बुलाकर अपनी चुदाई करवाती हूँ। संदीप की चुदाई से मेरी chut फैल गई है,साथ ही मेरे chutड़ भी फैल कर भारी हो गए हैं।

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