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Bahan ki chudai – दोस्तो, मेरा नाम केशव है. मेरी उम्र 21 साल है. मेरे पिताजी का नाम जय प्रकाश भारद्वाज है जो 50 साल के करीब हैं. मेरी माताजी का नाम नीलम भारद्वाज है जो 47 साल की हैं.
मेरी एक बड़ी दीदी है जिसकी उम्र 23 साल है. मेरी दीदी का नाम आरती भारद्वाज है. हमारा परिवार हिमाचल प्रदेश से बिलॉन्ग करता है. किंतु हम भाई-बहन का जन्म लुधियाना में ही हुआ था.
मेरे परिवार के सारे ही सदस्य देखने में काफी अच्छे हैं. मेरे पापा 5.8 फीट की हाइट के एक अच्छे व्यक्तित्व वाले पुरूष हैं. उनका स्वभाव काफी रौबदार है. वो अपना खुद का बिजनेस करते हैं. उनकी एक गारमेंट शॉप है. वो लेडीज़ फेंसी और गर्ल्स फेशनेबल गारमेंट्स में डील करते हैं. उनका एक बड़ा शोरूम है.
मेरी दीदी वेटनरी साइंस में डॉक्टर है. अभी उसकी स्टडी पूरी ही हुई है. कुछ दिन पहले ही मेरी दीदी की नई नई नौकरी लगी है. जहां तक मेरी पढ़ाई की बात है तो मैंने कंप्यूटर साइंस में डिग्री की हुई है.
हम भाई-बहन को हमारे परिवार की तरफ से सब तरह की आजादी है. दोस्तों के साथ घूमना हो या फिर मूवी देखने के लिए जाना हो किसी चीज की कोई रोक-टोक नहीं है.
मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है और जबकि मेरी दीदी आरती की हाइट 5 फीट 6 इंच है. हम दोनों भाई बहन एक जैसे ही दिखते हैं. दोनों को ही शुरू से ही जिम जाने का शौक रहा है.
हम दोनों ही दिखने में काफी स्मार्ट हैं. दीदी के फीगर की बात करूं तो उसके बूब्स का साइज 36 का है जबकि उसके हिप्स 38 के हैं. मेरी दीदी को मैंने कभी भी sex की नजरों से नहीं देखा था. हालांकि वो मेरे सामने शॉर्ट स्कर्ट में या शॉर्ट निक्कर में भी रहती थी. हम ऐसे ही शॉर्ट कपड़ों में खेलते रहते थे. हंसी मजाक भी करते थे.
मेरे पापा की शॉप में गर्ल्स के लिए हमेशा लेटेस्ट कलेक्शन होती है तो आरती हमेशा लेटेस्ट कलेक्शन की ड्रेस पहनती थी. फिर भी मैंने उसके sexी फीगर कभी इतना ज्यादा नोटिस नहीं किया था.
मैं हमेशा ही अपने दोस्तों के साथ बिजी रहता था. मेरा मन था कि मैं खुद का कंप्यूटर का बिजनेस करूं. मगर पापा और दीदी हमेशा मेरे पीछे पड़े रहते थे. वो लोग मुझे पापा के साथ बिजनेस में हाथ बंटाने के लिए कहते थे. इसलिए उनके कहने पर मैं कभी कभी अपने कपड़ों के शोरूम पर भी चला जाता था.
वहां पर 7 सेल्स गर्ल और 3 सेल्स बॉयज काम करते थे. चूंकि पापा लेटेस्ट कलेक्शन लेकर आते थे इसलिए कई बार लड़कियों के फैशन को देख कर मुझे हैरानी भी होती थी.
हमारे शोरूम पर एक से बढ़कर एक कलेक्शन था. उसमें लड़कियों की ब्रा और पैंटी के इतने सारे डिजाइन होते थे कि मैं उनको देख कर हक्का बक्का रह जाता था. मुझे यकीन नहीं होता था कि लड़कियां इस तरह के अंडरगार्मेंट्स भी पहनती होंगी. मैं भी जवान हो रहा था इसलिए मेरा ध्यान कई बार sexी लड़कियों की ओर चला जाता था.
मेरी बहन आरती को कार चलाना नहीं आता था. उसने एक दिन मां से कहा कि उसको कार चलाना सीखना है. मां ने उसको बोल दिया कि अपने भाई से ही सीख ले. मां और बेटी मिलकर मुझ पर दबाव बनाने लगी.
कई बार आरती मुझे कार चलाना सिखाने के लिए कहती थी लेकिन मैं हमेशा ही टाल मटोल कर दिया करता था. मैं अपने दोस्तों के साथ ही बिजी रहता था. इसी बात को लेकर कई बार हमारी लड़ाई भी हो चुकी थी.
मेरे घर वाले भी आरती की ही साइड लिया करते थे. जिसके कारण मुझे बहुत गुस्सा आता था. मगर फिर भी मैं उसको बहन समझ कर माफ कर दिया करता था.
अक्सर लड़ाई के दौरान वो मेरी गोद में बैठ जाया करती थी और मेरे कान खींचने लगती थी.
ऐसे ही मैंने काफी दिन निकाल दिये. दीदी रोज पापा से मुझे डांट लगवा दिया करती थी लेकिन मैं फिर भी उसकी बात नहीं सुनता था.
एक दिन उसने कहा कि उसके कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गयी है. वो अपना काम नहीं कर पा रही है. वो कहने लगी कि शायद उसके कंप्यूटर में कोई वायरस आ गया था.
मैंने उसको चेक करके देखा. चेक करने के बाद मैंने उसके कंप्यूटर में नई विंडो और एंटी वायरस डालने का सोचा. मैंने आरती को बता दिया कि सिस्टम की विंडो करप्ट हो गयी है. इसे ठीक करने में एक दो दिन का समय लग सकता है.
अगले दिन फिर वो हॉस्पिटल में अपनी जॉब पर चली गयी. मैं घर पर ही था और बोर हो रहा था. मैंने सोचा कि जब तक ये जॉब से आती है तो मैं आरती के कंप्यूटर को ठीक कर देता हूं.
मैं उसके रूम में गया और उसके कंप्यूटर को ऑन कर लिया. मैंने उसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री को खोल कर देखा तो मेरे होश ही उड़ गये. मैंने देखा कि आरती ने ज्यादातर भाई-बहन या अन्य रिश्तों में chudai की sex कहानी खोली हुई थी.
फिर मैं भी उसमें देखने लगा. उसके बाद मैंने उसके कंप्यूटर की गैलरी में देखा. उसने काफी सारी पोर्न फिल्में भी डाउनलोड की हुई थीं. उन पोर्न फिल्मों में भी अधिकतर फैमिली sex की ही थी.
उसके बाद मैंने उसके फेसबुक अकाउंट को चेक किया. उसमें एक लड़के के साथ उसने भाई बहन के sex वाला रोल प्ले चैट भी किया हुआ था. मुझे देख कर हैरानी हो रही थी.
मुझे अन्दाजा हो गया था कि मेरी बहन के अन्दर कुछ ज्यादा ही sex भरा हुआ है. साथ ही मेरे मन में बहुत सारे सवाल भी उठ रहे थे. मैं सोच रहा था कि पता नहीं अब तक इसने कितने लड़कों के साथ sex कर लिया होगा.
वैसे भी वो एक sexी जिस्म की मालकिन थी. अब मेरे मन में भी उसको लेकर sex के ख्याल आने लगे थे. मैंने उसके सारे कंप्यूटर को खंगाल लिया. अब मेरा मन उसको चोदने के लिए अपने आप ही करने लगा.
फिर शाम को वो घर वापस आ गयी. रात का खाना हुआ और हमारी कोई बात नहीं हो पाई.
अब हम लोग अगले दिन नाश्ते की मेज पर मिले. उसने एक शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी और डीप गले का टॉप पहना हुआ था. उसका टॉप उसकी कमर से थोड़ा उठ गया था. उसकी पैंटी की स्ट्रिप भी मुझे दिखाई दे रही थी.
बहन के sexी बदन को देख कर मेरे Lund में हलचल होने लगी. मेरा Lund खड़ा होने लगा. मैंने कभी अपनी बहन की तरफ इतना आकर्षण महसूस नहीं किया था.
नाश्ता करते हुए वो पूछने लगी- केशव, मेरा कंप्यूटर ठीक हो गया है क्या?
मैंने कहा- हां, ठीक हो गया है.
वो बोली- ओके थैंक्स, मुझे एक जरूरी प्रोजेक्ट पर काम करना था.
मैं मन ही मन मुस्करा रहा था. मुझे पता था कि उसको कौन से जरूरी प्रोजेक्ट पर काम करना था.
रात को ही मैंने एक फेसबुक आईडी बना दी. मैंने एक अंग्रेज के नाम से वो आईडी बनाई थी. मैंने आरती को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी. उसने तुरंत ही एक्सेप्ट कर ली.
कुछ देर उससे बातें होने के बाद वो अपने असली रूप में आ गयी. वो कहने लगी कि भाई-बहन के रोल प्ले वाली sex चैट करते हैं. हमने एक घंटे तक वो sex चैट की. मुझे अहसास हो गया था कि उसका मेरे साथ में sex करने का मन है. मगर वो डरती है.
उसको शायद डर था कि पता नहीं मैं उसके बारे में क्या सोच बैठूंगा और मामला कहीं उल्टा न पड़ जाये.
अब मेरे मन में उसके साथ sex करने को लेकर खयाल आ रहे थे. मैं सोच रहा था कि जब वो खुद ही मेरे साथ sex करने के लिए मरी जा रही है तो मेरे बाप का क्या जाता है.
अब मैंने उस पर ध्यान देना शुरू कर दिया. वो जब चलती थी तो उसके 38 के हिप्स ऐसे हिलते थे जैसे वो कोई पोर्न स्टार हो. स्कर्ट में उसके चूतड़ों के बारे में ज्यादा पता नहीं लगता था लेकिन जब वो पजामे में होती थी उसकी पैंटी की शेप भी नजर आ जाती थी.
ऐसा लगता था जैसे वो मेरे सामने जानबूझकर अपने हिप्स मटकाकर चल रही है. वो शायद इस तरह की हरकतों से मेरे Lund को खड़ा करने की कवायद में थी. या यूं कहें कि मुझे उसके साथ sex के लिए राजी करने के लिए।
उन दिनों दिसम्बर का महीना था. ठंड काफी हो रही थी. उसको हल्का बुखार आ रहा था. वो अपनी जॉब पर भी नहीं जा रही थी. मैं भी उस दिन घर में ही था. उस दिन मैं शोरूम पर नहीं गया था.
फिर उसने बुखार की दवाई ले ली. उसके घंटे भर बाद वो ठीक हो गयी.
हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे. हम ऐसे ही बातें करने लगे. मैं अपने कंप्यूटर में कुछ काम कर रहा था.
आरती बोली- भाई, कार चलाना सिखा दो न!
मैं थोड़ा नखरा दिखाते हुए- यार दीदी, आपको तो पता ही है मेरा … हमेशा बिजी होता हूँ. टाइम की प्रॉब्लम है.
आरती- यार प्लीज़, ऐसा मत बोल. मैं किसी और से कार चलाना नहीं सीखना चाहती. आप ही सिखाओ.
मैं- चलो ठीक है, लेकिन दिन में टाइम नहीं है मेरे पास. या तो सुबह के टाइम सीख लो या फिर देर शाम को.
वो बोली- ठीक है, सुबह सीखेंगे.
मैंने कहा- ठीक है फिर, कल सुबह पांच बजे उठ जाना.
अगली सुबह मैं सो रहा था. दीदी ने मुझे उठाया और हम निकल पड़े कार ड्राइविंग सीखने के लिए।
मैंने 10 दिन तक दीदी को पूरी ट्रेनिंग दी. फिर ग्यारहवां दिन भी आ गया. आज उनकी टेस्ट ड्राइव होनी थी.
उस दिन मैंने उससे कहा- आज आपका टेस्ट होना है.
मैंने गाड़ी आरती के हाथों में थमा दी. वो डरते हुए चलाने लगी.
मुझे नहीं पता कि वो शायद जानबूझकर ही कार झाड़ियों में मार रही थी या फिर उसको सही से गाड़ी के बारे में पता ही नहीं चला था. एक दो बार उसने गाड़ी ठोक दी तो मैंने उसको डांट दिया. वो वहीं पर रोने लगी.
उसको डांटने के बाद मुझे भी बुरा महसूस हुआ तो मैंने आरती को गले लगा लिया और चुप करवाने लगा. जैसे ही मैंने उसे हग किया तो उसके बूब्स मेरी छाती पर फील हुए. मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा.
मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की के बूब्स फील किए थे, वो भी अपनी बहन के बूब्स, जिसके लिए मेरे अंदर नया नया आकर्षण पैदा हुआ था. मेरी बहन थी भी एकदम से मस्त माल.
उसके बूब्स की फीलिंग लेकर मेरा Lund खड़ा हो गया. मैंने सोचा कि क्यों न इसके साथ sex किया जाये.
इसी इरादे से मैंने उससे कहा- दीदी, अगर आपको अभी भी डर लग रहा है तो मेरे पास एक आइडिया है.
वो बोली- क्या आइडिया है?
मैंने कहा- आप मेरी गोद में बैठ कर ड्राइव करना सीखो. इससे आपको डर भी नहीं लगेगा और कहीं कुछ गड़बड़ हुई तो मैं संभाल लूंगा.
वो झट से मान गयी और बोली- हां ये ठीक रहेगा.
उसके चेहरे पर अब एक मुस्कान आ गयी थी. वो तुरंत उठ कर मेरी गोद में आकर बैठ गयी. जैसे ही वो मेरी गोद में बैठी तो उसके नर्म नर्म हिप्स मेरे Lund के ऊपर टच होने लगे. मुझे बहुत मस्त फीलिंग आ रही थी और मेरा लौड़ा मचल गया.
मन कर रहा था कि अपनी बहन की चूत को अभी चोद दूं. लेकिन साथ ही डर भी लग रहा था क्योंकि हम बाहर खुले में ही थे. इसलिए कुछ हो नहीं सकता था. ऐसे मजे लेते हुए हम दोनों ड्राइव करते हुए घर वापस आ पहुंचे. उस दिन हमारे बीच में कुछ नहीं हो पाया.
अगली सुबह जब हम निकले तो मैंने जानबूझकर पजामे के नीचे अंडरवियर नहीं डाला. मैं अपनी बहन की गांड को अच्छी तरह से महसूस करना चाह रहा था.
जो ख्याल मेरे मन में थे वही शायद उसके मन में भी थे. उसने शायद उस दिन कोई अंडरगार्मेंट नहीं पहनी थी. जैसे ही वो मेरी गोद में बैठी तो मुझे उसकी गांड और चूत की फीलिंग अपनी जांघों और लौड़े पर आने लगी.
मेरा Lund तो एकदम से टन्न हो गया. उसको भी पता लग गया था कि मेरा लौड़ा तन चुका है. वो थोड़ी बहकने लगी थी.
मैंने धीरे से उसको संभालने के बहाने के उसकी चूचियों के नीचे अपने हाथ रख लिये. जैसे ही मैंने उसकी चूचियों को छुआ तो उसकी आंखें जैसे बंद सी होने लगीं. उसकी सांसें तेज हो गयीं.
हम दोनों कार को एक सुनसान सी जगह पर ले गये. वहां पर कोई दिखाई नहीं दे रहा था. आसपास काफी सारी झाड़ियां थीं. अब मेरे हाथ लगभग आरती की चूचियों के ऊपर ही थे. मैंने उसकी जांघ को भी सहलाना शुरू कर दिया था. वो कुछ नहीं बोल रही थी.
जब मुझसे रुका न गया तो मैंने उसको बांहों में ले लिया और उसके गाल पर एक किस कर दिया. वो शरमा गयी और मुझे जैसे ग्रीन सिग्नल मिल गया.
मैंने गाड़ी एक तरफ रोकी और उसकी चूचियों को सहलाते हुए उसके होंठों को अपनी ओर करके उसे किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मेरा Lund मेरे पजामे में उठ उठ कर दर्द करने लगा था.
हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. मैंने उसकी लोअर के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा. उसने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी. उसकी चूत एकदम से गर्म हो चुकी थी.
जब हम दोनों से ही रुका न गया तो मैंने उसकी लोअर को नीचे कर दिया. उसने उठ कर अपनी गांड से लोअर नीचे सरका ली और मैंने भी इतने में ही अपना पजामा नीचे कर लिया. मेरा Lund नंगा हो गया था और मेरी बहन की चूत भी नंगी हो गयी थी.
वो मेरे Lund पर बैठ गयी और मैंने उसकी टीशर्ट में हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया. ऐसा मजा आ रहा था कि मैं शब्दों में उसको बयां नहीं कर सकता. दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने चाटने लगे थे.
नीचे से मैं उसकी चूत में Lund को घुसाने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसकी चूत में Lund नहीं जा रहा था.
वो बोली- ऐसे नहीं जायेगा भैया, वर्जिन हूं मैं. कुछ तेल वगैरह का इंतजाम करना होगा.
मैं खुश हो गया कि मेरी बहन की कुंवारी चूत को पहली बार मुझे ही चोदने का मौका मिल रहा है. मगर हमारे पास तेल का कोई इंतजाम नहीं था.
फिर मैंने उसे उठने के लिए कहा. वो उठ गयी. मैं साइड वाली सीट की तरफ पैर निकाल कर लेट गया. मेरा मुंह उसकी चूत के नीचे आ गया. मैंने उसे बैठने के लिए कहा और वो मेरे मुंह पर बैठ गयी.
उसकी चूत मेरे मुंह पर आ गयी और मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी. उसकी एकदम से सिसकारी निकल गयी. मैं उसकी चूत में जीभ देकर उसको चूसने लगा.
जब उससे रुका न गया तो वो मेरे Lund पर झुक गयी और मेरे Lund को उसने मुंह में भर लिया. अब वो मेरे Lund को चूस रही थी और मैं उसकी चूत में जीभ दे रहा था. उसकी चूत के रस का स्वाद मुझे अपनी जीभ पर महसूस हो रहा था.
मैंने पूछा- आह्ह आरती … तुमने ऐसे मस्त तरीके से Lund चूसना कैसे सीखा.
वो बोली- मैंने एक डिल्डो ऑनलाइन मंगवा रखा है. मैं उसको तुम्हारा Lund समझ कर रोज चूसती हूं और उससे चूत की खुजली भी शांत करती हूं.
मैंने कहा- तुम तो बहुत मस्त हो यार!
फिर उसने उठ कर मेरे Lund को हाथ में पकड़ा और उसे सहलाया. वो मेरी तरफ मुंह करके घूम गयी. अब उसकी चूत मेरी तरफ थी. उसने मेरे Lund को अपनी चूत पर रखवा लिया और फिर से उस पर बैठती चली गयी.
उसकी गीली और गर्म चूत में मेरा Lund उतरने लगा तो मेरी आह्ह निकल गयी. इतना मजा मुझे पहली बार मिल रहा था. अपनी बहन की चूत में Lund देने में ऐसा सुख मिलेगा मैंने कभी नहीं सोचा था.
आरती एडजस्ट करते हुए मेरे Lund को पूरा चूत में लेने की कोशिश की. चूंकि वो पहली बार असली Lund ले रही थी इसलिए उसको दर्द भी हो रहा था. उसकी आंखों में पानी आ गया था. मगर फिर भी उसने उत्तेजना में पूरा Lund अपनी चूत में अंदर ले लिया और मेरे होंठों को पीने लगी. मैंने नीचे से उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये.
इतने में ही उसने अपनी टीशर्ट भी निकाल दी. उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी. उसकी चूचियां मेरे मुंह में आकर धंस गयीं. मैंने उसकी चूचियों में मुंह दे दिया और उसकी चूत में Lund को धकेलने लगा.
वो भी उछल उछल कर अपनी चूत में मेरे Lund को ले रही थी. अब दोनों ही भाई बहन chudai का मजा लेने लगे. वो मेरे Lund पर उछलती रही और मैंने उसकी चूत में धक्के लगाते हुए खूब मजा लिया.
आधे घंटे तक चली इस chudai के बाद मैं अपनी बहन की चूत में ही झड़ गया. इस बीच आरती दो बार झड़ गयी थी. हम दोनों शांत हो गये और फिर अपने कपड़े पहन कर घर आ गये.
अब तो जब भी मौका मिलता है मैं आरती को घोड़ी बनाकर चोदता हूं. अब तक हम भाई बहन 40 बार sex कर चुके हैं. मैंने अपने एक दोस्त को भी अपनी बहन की चूत चोदते हुए देखा है. वह कहानी मैं आपको फिर कभी बताऊंगा.
तो दोस्तो, यह थी केशव की कहानी. आपको इस कहानी में मजा आया होगा. मुझे मेल करें, मुझे बतायें कि आपको भाई बहन की पहली chudai की ये कहानी कैसी लगी. मैं आपके मैसेज और रेस्पोन्स का वेट करूंगी.
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