Bhai bahan ki chudai | bahan ki chudai | brother sister sex | didi ki chudai | hot bahan | hot sister | chut ki chudai | didi ki gaand | ladki ki chudai | girl sex | Mastram Sex Story | Gandi Kahani | Garam Kahani | sxy story in hindi | xxx story | chudai ki kahani| maa ki chudai kahani |chut chudai ki kahani| hindi chudai | chudai kahani | chut ki chudai | bhabhi ki chudai | chudai story | hindi chudai story | chudai | desi chudai | xxx | | xxx hindi | hindi xxx | indian xxx | xxx indian | india xxx | xxx video | sex video | hindi sex | indian porn | desi porn | indian porn videos |
Bhai bahan ki chudai – दोस्तो, मेरा नाम शिवेन है. मैं बी.ए. सेकंड इयर में हूँ. मेरी उम्र 22 साल की है. मैं उत्तर प्रदेश के एटा जिले से हूँ.
मेरी हाइट और शरीर ठीक-ठाक है और लड़कियों की जानकारी के लिए बताना चाहूँगा कि मेरे Lund की लंबाई 6 इंच है.
यह भाई बहन chudai की कहानी मेरी और मेरी बड़ी बहन के बीच हुई असली chudai की कहानी है.
इसमें अपनी बहन के साथ हुई chudai कहानी में मैंने सिर्फ़ नाम बदले हैं.
बड़ी बहन का नाम रूबी है.
फिलहाल मेरे परिवार में हम 5 लोग रहते हैं.
मैंने पिछली कहानी में बताया था कि घर में माता-पिता के अलावा मेरी कुल चार बहनें हैं और एक बड़ा भाई है.
दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है और वे अपनी ससुराल में रहती हैं.
सभी भाई बहनों में मैं सबसे छोटा हूँ. मेरे बाद रूबी दीदी 24 साल की हैं और उनसे बड़ी दिव्या दीदी हैं. उनकी उम्र 29 साल की है.
दिव्या दीदी की chudai की कहानी आप पढ़ चुके हैं.
मेरे माता पिता दूसरों के खेतों में मजदूरी का काम करते हैं.
रूबी दीदी मुझसे बड़े भाई के साथ दिल्ली में रहकर उनके खाने पीने की व्यवस्था करती थीं और उन्हीं के साथ रह कर अपनी पढ़ाई भी करती थीं.
रूबी दीदी की मेहनत रंग लाई और अब वे आगरा में रहकर सरकारी बैंक में जॉब करती हैं.
दीदी ने एक रूम वाला फ्लैट ले रखा था.
उनके बैंक में हड़ताल चल रही थी तो दीदी ने फोन करके मुझे बोला कि मेरे पास घूमने आ जाओ.
मैं एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ रहा था तो मुझे कोई प्राब्लम नहीं थी; मैं दीदी के पास चला गया.
उस समय बारिश का मौसम था.
मैं दिन में 12 बजे आगरा पहुंच गया.
दीदी ने नाश्ता कराया और मैं थोड़ी देर लेट कर आराम करने लगा.
उसी समय दीदी नहाने चली गईं.
जब वे नहाने जा रही थीं तब वे एक लोवर टी-शर्ट में थीं.
नहाने के बाद दीदी अपने भीगे बदन पर सिर्फ़ एक तौलिया लपेट कर बाहर आ गईं.
साफ समझ आ रहा था कि दीदी ने तौलिया के अन्दर कुछ नहीं पहना था.
दीदी घर पर भी ऐसे ही करती थीं.
तभी दीदी ने मुझसे कहा- मुँह उधर कर ले.
मैंने मुँह घुमा लिया.
मेरी आंखों के सामने दीवार पर एक तस्वीर लगी थी, जिसके कांच में से मुझे दीदी की अस्पष्ट सी झलक दिख रही थी.
मैं उसी में से दीदी को देखने लगा था.
दीदी ने बाल ऊपर बांध कर तौलिया हटाई और ब्रा और पैंटी पहन ली.
ये सब मुझे सामने उस फोटो फ्रेम में दिख रहा था.
हालांकि साफ नहीं दिख रहा था पर उनके दूध साफ दिखाई दे गए थे.
दीदी को मैंने पहले भी केवल पैंटी में कई बार देखा था क्योंकि हमारे घर में बाथरूम नहीं था तो दीदी उधर सिर्फ़ पैंटी में ही नहाती थीं.
आज दीदी ने गुलाबी रंग की ब्रा पैंटी पहनी थी.
रूबी दीदी ब्रा पैंटी पहनकर बोलीं- अब सीधा होना हो तो हो ज़ा. मैंने पैंटी और ब्रा पहन ली है.
मैं तुरंत पलट कर दीदी को देखा.
दीदी का बदन पहले से काफी ज्यादा भर चुका था.
उनकी ब्रा में से नोकदार चूचियां बड़ी मस्त दिख रही थीं.
मैं उनकी पतली कमर साइज़ का अंदाज़ा तो नहीं लगा सका पर दीदी की Gaand एकदम गोल और चिकनी दिख रही थी.
उनका पूरा बदन एकदम मलाई लग रहा था और मन कर रहा था कि दीदी को पकड़ कर अभी चोद दूँ.
जब से दिव्या दीदी को चोदा था, तबसे मुझे अपनी बहनों की chudai करने में मजा आने लगा था.
इसमें खास बात ये थी कि घर में ही Chut का प्रबंध हो जाता था.
रूबी दीदी ने पहले पेटीकोट पहना, उसके बाद ब्लाउज पहन कर आगे से लगने वाले बटन लगाने लगीं.
उस समय दीदी अपने दूध दबाती हुई अपने ब्लाउज में मम्मों को कैद कर रही थीं.
मुझे दीदी के मम्मों पर बड़ी दया सी आ रही थी कि कैसे उन मस्त मम्मों को दबाया जा रहा था.
उसके बाद दीदी ने साड़ी पहनी और हल्का सा मेकअप करके वे मुझसे चलने को बोलीं.
फिर हम दोनों घूमने निकल गए.
दीदी अपनी स्कूटी पर मुझे बिठा कर आगरा घुमाने ले गईं.
हम दोनों सभी जगह खूब घूमे, फिर होटल में खाना खाया.
तभी मौसम खराब होने लगा तो हम दोनों स्कूटी पर बैठ कर वापस आने लगे.
दीदी के फ्लैट पर पहुंचने से पहले ही तेज बारिश शुरू हो गई. दीदी और मैं पूरी तरह से भीग गए.
फ्लैट में आकर दीदी बोलीं- अरे यार … सारे कपड़े भीग गए, फिर से बदल कर पहनने पड़ेंगे.
मैं दीदी से मज़ाक में बोला- बदलने की जरूरत क्या है. आप ब्रा और पैंटी में ही रह लो. कौन सा हमें कोई देख रहा है.
दीदी स्माइल करती हुई बोलीं- तेरा क्या इरादा है. पहले तो तूने कभी ऐसी बात नहीं की?
मैंने कुछ नहीं कहा और बस मुस्कुराने लगा.
दीदी ने साड़ी और ब्लाउज वगैरह उतार दिया और ब्रा पैंटी के ऊपर एक लंबी सी टी-शर्ट डाल ली.
मौसम बारिश की वजह से ठंडा हो गया था.
दीदी बोलीं- कुछ खाएगा या पिएगा?
मैं बोला- खा कर तो अभी आए ही हैं. चाय बना लो!
दीदी बोलीं- ड्रिंक करता है?
मैं बोला- नहीं दीदी.
वे बोलीं- शर्मा मत, मेरा मन होता है तो मैं एकाध पैग ले लेती हूँ.
दीदी के मुँह से मैंने ये पहली बार सुना था.
मैंने पूछा- आप ये सब कब से करने लगीं?
वे बोलीं- स्टाफ के साथ डिनर पर चली जाती हूँ, तो फ्रेंड्स के हो जाता है. कभी कभी एक दो पैग … कभी काम ज़्यादा होने थकान होती है तो मैं अब अपने रूम पर भी ले लेती हूँ.
मैंने रूबी दीदी से कहा- मैंने सिर्फ़ बियर ही ली है.
दीदी बोलीं- कुछ नहीं होता एक या दो पैग से.
दीदी ने ये कहा और वे दो ग्लास व नमकीन ले आईं.
पैग बना दिए.
सिग्नेचर की बोतल थी.
दो पैग अन्दर जाने के बाद मैंने दीदी से कहा- मुझे वॉशरूम जाना है.
दीदी हंसती हुई बोलीं- अभी से … अभी तो बहुत कुछ बाकी है!
मैं फ्रेश होकर आया तो दीदी ने फिर से पैग बनाए.
मुझ पर दारू का असर होने लगा था.
दीदी तो पक्की पियक्कड़ बन गई थीं.
दो पैग की कह कर उन्होंने 5 पैग पी लिए थे.
दीदी ने तभी दराज से सिगरेट की डिब्बी निकाली और एक सिगरेट सुलगाती हुई बोलीं- तू लेगा?
मैंने हां कही और उनके हाथ से डिब्बी लेकर एक सिगरेट सुलगा ली.
अब दीदी बोलीं- तेरी कोई जीएफ है क्या?
मैंने धुआं उड़ाया और मना कर दिया.
वे बोलीं- क्यों तेरे पास तो फ्रीडम है. मैंने तो पढ़ाई के समय ये सब इसलिए नहीं किया था ताकि तुम लोग पढ़ लोगे. मेरी जॉब लग जाएगी तो तुम मस्ती कर लोगे.
ये सुनते ही मैंने दीदी को नशे में ही गले लगा लिया और कहा- दीदी, आपने हम लोगों के लिए ये सब किया, कितनी अच्छी हैं आप!
दीदी मुझे अपनी बांहों में जकड़ती हुई बोलीं- हाँ यार … क्योंकि पापा की आमदनी से कुछ नहीं हो पाता था. इसलिए मुझे आगे बढ़ कर काम करना ही था. भैया भी अपनी पढ़ाई के साथ कमाते हैं, मगर उनकी कमाई उन्हीं की पढ़ाई पर खर्च हो जाती है.
फिर वे मुझे अपने सीने से हटाती हुई बोलीं- अब क्या मेरे ऊपर ही सोएगा! हट ना … पैग बना.
मैंने दीदी से कहा- दीदी आप बहुत अच्छी हो और हॉट भी!
दीदी एकदम अमीशा पटेल के जैसी लगती हैं.
तब दीदी बोलीं- अच्छा ये बता कि तुझे मुझमें क्या हॉट लगता है?
मैंने भी नशे में दीदी के मदभरे होंठों की तारीफ की, उनकी पतली कमर और उनके चूचों के बारे में बोला.
वे हंसने लगी और चूंकि दीदी नशे में थीं तो बोलीं- खुलकर बता ना!
मैंने कहा- आपकी ये चूचियां मुझे बड़ी मस्त लगती हैं.
दीदी दूध उठाती हुई बोलीं- पिएगा?
मैंने हाँ बोल दिया.
उन्होंने शराब का गिलास एक झटके में अपने हलक के नीचे उतार दिया और अपनी लॉंग टी-शर्ट शर्ट के ऊपर से अपने दूध सहलाने लगीं.
दारू पीने के बाद दीदी की सारी शर्म निकल गई थी.
कुछ ही पलों में दीदी ने टी-शर्ट उतार कर फेंक दी और बोलीं- चल बेड पर चल कर सुहागरात मनाते हैं.
हम दोनों बेड पर पहुंच गए.
दीदी ने पास में रखे दराज से अपनी लाल लिपस्टिक निकाली और अपने होंठों पर लगा ली.
फिर उन्होंने मुझे पकड़ा और किस करनी शुरू कर दी.
किस करते हुए हम दोनों भाई बहन एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे और काट रहे थे.
मैंने दीदी की गर्दन चूमी चाटी.
इससे दीदी लगातार उत्तेजित होती जा रही थीं, उनकी कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
कुछ मिनट तक चूमाचाटी करने के बाद रूबी दीदी ने अपनी गुलाबी ब्रा निकाल कर फेंक दी और मेरे ऊपर चढ़ गईं.
दीदी की ब्रा निकलते ही उनकी तनी हुई चूचियां खुली हवा में बाहर आकर फुदकने लगीं.
उनकी चूचियों पर काले अंगूर जितने बड़े निप्पल थे. उन निप्पलों पर दूध निकलने वाले छेद साफ दिख रहे थे.
मुझे अपनी चूचियां दिखा कर दीदी ने अपनी जीभ अपने होंठों पर बड़े ही अश्लील भाव से फिराई.
मैंने दीदी की जांघों पर हाथ फेर कर उनकी Chut पर हाथ फेर दिया.
अब दीदी ने जरा सा उठ कर अपनी पैंटी नीचे को सरका दी.
मेरी नशीली आंखों के सामने दीदी की चिकनी शेव की हुई सफेद Chut दिखाई देने लगी.
चूंकि दीदी मेरे ऊपर अपनी दोनों टांगें दोनों तरफ फैला कर रख कर बैठी थीं.
इससे उनकी Chut से नीचे सरकी हुई पैंटी जांघों में अब भी फंसी थी और Chut अपना मुँह खोले हुई मुझे अपनी लालिमा दिखा रही थी.
Chut की गुलाबी पंखुड़ियां देख कर मेरा Lund झटके मार कर दीदी की Gaand पर रगड़ मार रहा था.
ये देख कर दीदी ने अपनी एक टांग उठाई, तो मैंने उनकी पैंटी का एक हिस्सा उनकी एक टांग से बाहर निकाल दिया.
अब दीदी ने जरा ऊपर सरक कर अपने हाथ से मेरे Lund को पकड़ा और उसे मसलने लगीं.
वे मेरे लौड़े पर चढ़ने के लिए बेताब हो उठी थीं.
मेरा अंडरवियर अभी भी टांगों को बांधे हुए था.
फिर दीदी ने नीचे सरक कर मेरे अंडरवियर को नीचे सरकाया और मेरे Lund को जीभ से चाटने के बाद उसे अपने मुँह में भर लिया.
मैं उनके दूध मसलने लगा.
कुछ देर बाद वे और ऊपर आ गईं और मेरे मुँह पर बैठ कर अपनी Chut रगड़ने लगीं.
मैंने उनसे कहा- आप मेरा Lund चूसो और मैं आपकी Chut चाटता हूँ.
वे हूँ कह कर मेरे ऊपर चढ़ी हुई ही घूम गईं.
अब वे मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में आ गई थीं.
दीदी ने मेरे Lund को ओर मेरी बॉल्स को चाटना चूमना शुरू कर दिया.
वे लौड़े को अपने मुँह के अन्दर तक ले जा रही थीं.
मैं भी उनकी Chut में गहराई तक जीभ डालकर उनको मजा दे रहा था.
वे आह आह करती हुई खुद को चरम सीमा पर ले जा रही थीं.
जैसे ही मेरी जीभ दीदी की Chut के दाने को कुरेदती, दीदी अपनी Gaand मेरे मुँह पर दबाती हुई Chut को मुँह में ठेलने की कोशिश करने लगतीं.
साथ ही दीदी की ‘आ आह उम्म्म …’ जैसी आवाजें मेरी उत्तेजना को बढ़ा देतीं.
ऐसे ही कुछ देर बाद दीदी के मुँह से एक ज़ोर की आवाज़ निकली- आआ हह आसस्शह मैं गई … आह.
दीदी ने अपनी Chut का रस छोड़ना शुरू कर दिया था.
वे मेरे मुँह में अपनी Chut का सारा पानी निकाल कर निढाल हो गईं.
उधर उनकी Chut से नमकीन पानी निकल कर मेरे मुँह में आता जा रहा था.
मैंने Chut चाट कर साफ कर दी और उन्हें उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया.
फिर मैंने खड़े होकर दीदी के मुँह में Lund डाल दिया और जोरदार शॉट मारे तो मेरे Lund का भी सारा पानी निकल कर उनके गले में जाने लगा.
दीदी ने Lund से निकले मेरे वीर्य के हर कतरे को खा लिया.
मैं दीदी को Lund की मलाई खाते देख कर बहुत मदहोश हो रहा था.
वे किसी भूखी रांड की तरह मेरे लौड़े से निकले माल को खाती हुई बहुत ही कामुक दृश्य था.
उसके बाद मैं वापस बिस्तर पर दीदी के साथ लेट गया और उनको अपनी बांहों में भर कर चूमने लगा.
मेरे और दीदी के बीच 3 से 4 मिनट तक जबरदस्त चूमाचाटी हुई.
जल्द ही वे फिर से गर्म हो गईं.
मेरा भी Lund खड़ा हो गया.
मैंने दीदी को लिटाया और उनकी Chut जो पहले से गीली हुई पड़ी थी को अपने Lund से कुरेदना शुरू कर दिया.
वे बोली- मेरे ऊपर चढ़ जा और पेल दे लौड़े को मेरी Chut में!
मैंने दीदी के ऊपर चढ़ कर उनकी Chut पर Lund रखा और दीदी ने हाथ से Lund को Chut का मार्ग दिखाया.
उसी वक्त मैंने एक ज़ोरदार झटका दे मारा.
मेरा आधा Lund दीदी की Chut को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
दीदी की चीख निकल गई- उउउइई मां मर गई … आह निकाल इसे आआ हह सील टूट गई मेरी!
मैं यह सुनकर भौचक्का था कि दीदी अभी तक सीलपैक Chut वाली माल थीं.
एक मिनट मैं रुका रहा और अपनी बड़ी दीदी को कसके पकड़ कर चूमता रहा.
दीदी रोए जा रही थीं. उनकी Chut से खून की लकीर बह रही थी.
मैंने दीदी की Chut में लौड़ा घुसा रहने दिया और कुछ पल चूमने चाटने के बाद मैंने फिर से झटका मार दिया.
इस बार मेरा Lund दीदी की बच्चेदानी तक पहुंच गया था.
दीदी की हालत खराब हो गई थी.
फिर धीरे धीरे मैं धक्के मारता गया और दीदी का दर्द खत्म होने लगा.
अब मैं धक्कों की रफ्तार बढ़ाता गया और लौड़े को Chut में चिकनाई आ जाने के कारण आगे पीछे होने में सुगमता होने लगी.
मेरी दीदी भी अब कामुक सिसकारियां भर रही थीं- अयेए ओयेए … हह सस्स उम्म उम्म्म … आ आहह आह आह आ और तेज़ … आह और तेज़.
chudai के बीच में मैं दीदी की चूचियों के चूचुकों को भी मुँह में भर कर काट लेता था और चूस लेता था.
यूं ही दीदी के एक मम्मे को चूसते हुए और दूसरे को कसके दबाते हुए धकापेल chudai चालू थी.
मैंने दीदी को चोदते हुए उनको इतना नोंचा कि उनकी चूचियां लाल पड़ गई थीं.
दीदी बोलीं- मुझे कुछ हो रहा है.
वे यह कह कर अकड़ने लगीं.
कुछ ही पलों में दीदी ने मेरे Lund पर अपना गर्म सफेद पानी छोड़ दिया.
दीदी संतुष्ट हो गईं.
कुछ ही देर बाद मैंने भी दीदी की Chut के अन्दर अपना पानी गिरा दिया.
मैं झड़ने के बाद दीदी के ऊपर ही पड़ा रहा.
इस क्रिया में हम दोनों को रात के 8 बज गए थे.
दीदी बोलीं- तू तो बड़ा अच्छा सेक्स करता है … बहुत मज़ा आया.
मैंने दीदी से पूछा- वह तो सब ठीक है लेकिन आपने अभी तक किसी से चुदवाया क्यों नहीं था?
वे बोलीं- यार मुझे पढ़ाई के चक्कर में सेक्स का ख्याल ही नहीं आया. यह तो मुझे छोटी ने बताया था कि तू उसे चोदता है, तो मैंने भी तुझसे ही चुदवाने का मन बना लिया था.
उसके बाद मैं दीदी के पास बैंक की हड़ताल के चलते दस दिन तक रहा और इन दसों दिनों में हमारी रोज़ सुबह और शाम को दो टाइम chudai होती थी.
इन दस दिनों में मैंने दीदी को कमरे से बाहर नहीं जाने दिया था और ना ही उन्हें कोई भी कपड़ा पहनने दिया था.
हम दोनों नंगे ही रहते, नहाते, खाते नंगे सोते और chudai करते.
दीदी को मैंने जब तक चोदा, हर बार उनकी Chut में ही अपना पानी डाला.
दीदी मुझसे चुद कर बहुत खुश थीं.
अब मैं वापस अपने घर आ गया हूँ. आने के बाद मैंने रूबी दीदी को फोन किया, तो उन्होंने बताया कि वे मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं.
मैं बोला- अब क्या होगा दीदी?
वे बोलीं- टेन्शन मत ले, मैं दवा ले लूँगी.
अबसे दीदी रात को नंगी होकर मेरे साथ फोन सेक्स करती हैं. मुझे बहुत मज़ा आता है.
भाई बहन chudai की कहानी में आपको जरूर मजा आया होगा.
भाई की साली की कुवारी चुत और मेरा टाइट लंड
1 thought on “दारू पिलाकर बहन की जब सील तोड़ी तब वह जोर से चिलाई | Bhai bahan ki chudai”
Comments are closed.