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cousin sister ki chudai -हमारे परिवार में मेरे अलावा मेरे पिताजी माताजी, दो छोटे भाई बहन ही रहते हैं.
मेरे चाचा चाची की फैमिली में उनकी बड़ी लड़की प्रिया, अन्नू और छोटा भाई नितिन थे.
यह फर्स्ट सेक्स विद सिस्टर मेरी चाचा की लड़की अन्नू के साथ है.
अन्नू ग्यारहवीं क्लास की पढ़ाई कर रही थी.
मैं अन्नू के बारे मैं बता दूं.
उसके बदन का आकार बड़ा ही कामुक है.
उसके chutड़ 34 इंच के, कमर 30 की और बूब्स 32 साइज के हैं जो उसने खुद ही मुझे बताया था.
पहले पहल अन्नू को मैं बहन की नजर से ही देखता था.
फिर मैंने जबसे अन्तर्वासना की एक सेक्स कहानी में भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ी, तब से मेरा अन्नू को देखने का नजरिया बदल गया.
मैं अब उसके पास ज्यादा रहने लगा और उसके साथ ज्यादा नजदीकी बढ़ाने लगा.
उन दिनों ठंड का टाइम था तो सभी लोग छत पर खुली धूप में आने लगे थे.
जब वह छत पर बने बाथरूम में नहाने जाती तो सबको बोल देती- मैं नहाने जा रही हूँ, जब तक मैं आ नहीं जाऊं कोई छत पर नहीं आना.
उसकी इसी बात का फायदा उठाकर मैं अपने कमरे से छत पर चला जाता और जब वह बाथरूम में नहाती, तो मैं दरवाजे की झिरी से उसके नंगे जिस्म के दर्शन करता.
एक दिन जब वह नहा रही थी तो उसने बाथरूम के दरवाजे नहीं लगाए थे.
वह कपड़े लेने के लिए बाहर धूप में आकर खड़ी हो गई.
उस वक्त वह एक तौलिया भर लपेटी हुई थी.
मैं उस दिन दूर एक आड़ में खड़ा होकर उसे देख रहा था.
बाहर आते ही उसकी नजर मुझ पर पड़ गई.
उसने मुझे देखा तो झट से बाथरूम में चली गई और उधर से ही आवाज देकर बोली- तुम नीचे जाओ.
उसके देख लेने भर से मेरी तो डर के मारे जैसे जान ही निकल गई.
मैं नीचे भाग आया और अपने कमरे में जाकर अपनी सुताई होने का इंतजार करने लगा.
वह नीचे आई और उसने किसी से कुछ नहीं कहा.
मुझे जरा देर के लिए शांति मिली कि अभी तो बच गए.
फिर मैं दो दिन तक उसके आस पास भी नहीं गया.
जब मुझे पता चल गया कि उसने ये बात घर में किसी को नहीं बताई, तो मैं सहज हो गया.
अब मैं उसको काम करते देखता और वह भी मुझे देखती.
उसकी समझ में ये बात आ गई थी कि मैं उसको किस नजर से देखता हूँ.
एक दिन वह अन्दर कमरे में थी और कपड़े प्रेस कर रही थी.
मैं बाहर छत से उसको देख रहा था.
उसकी नजर मुझसे मिली तो वह हल्की हल्की मुस्करा रही थी.
यह मेरे लिए ग्रीन सिग्नल जैसा था.
अब तो मैंने सोच लिया था कि कैसे भी करके अन्नू को चोदना है.
फिर एक दिन हम दोनों छत पर बैठे थे.
मैं मोबाइल चला रहा था.
वह बोली- भाई मुझे भी बताओ, क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं.
फिर मैंने उससे पूछा- वैसे तुझे क्या देखना है?
वह बोली- जो तुम दिखाओ.
मैंने पूछा- तब भी बताओ तो कि क्या देखना है?
वह बोली- कुछ अच्छा सा दिखाओ.
मैं अपनी तरफ से कुछ रिस्क नहीं लेना चाहता था तो मैंने पूछा- अब मुझे क्या मालूम कि तुझे क्या अच्छा लगता है. तू खुद ही बता कि तुझे क्या अच्छा देखना है?
उसने कहा- ओके, मैं बाद में बताऊंगी.
मैं समझ गया अन्नू चुदाने को तैयार है, बस किसी को पहल करने की जरूरत है.
फिर एक दिन मेरी मम्मी और चाची मार्केट गई थीं.
पापा चाचा भी घर पर नहीं थे.
बस मैं, भाई और मेरी बहन थे.
मेरे भाई और बहन नीचे टीवी देख रहे थे.
मैं और अन्नू ऊपर कमरे में थे.
अन्नू को कपड़े बदलने थे तो वह बोली- भाई, बाहर जाओ मुझे कपड़े बदलने हैं.
मैंने उससे कहा- मैं यही हूँ, मुँह उधर कर लेता हूँ. तुम कपड़े बदल लो.
वह एक पल रुक कर बोली- ओके, लेकिन तुम देखना नहीं!
मैंने कहा- हां.
फिर उसने मेरे सामने ही अपना टॉप निकाला.
मैंने चोरी से उसे देखा तो सच में दोस्तो, मैं देखता ही रह गया.
क्या मस्त बूब्स थे.
उसको भी पता था कि मैंने उसको कपड़े बदलते देख लिया है.
उसने कहा- भाई अपने सही नहीं किया, मुझे ऐसे देख लिया!
मैंने कहा- अन्नू, तू मेरी प्यारी बहन भी तो है! क्या हो गया कि मैंने तेरे बूब्स देख लिए?
उसने कहा- हां भाई, लेकिन आप प्रॉमिस करो कि किसी को बताओगे नहीं.
मैंने कहा- नहीं पगली, तू तो मेरी प्यारी बहन है.
इतना सुनकर वह मेरे गले से लग गई.
मैंने भी उसको कसकर पकड़ लिया और गर्दन पर किस कर लिया.
मैंने उससे बोल दिया कि अन्नू मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.
उसने बोला- हां भाई, मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूं. लेकिन डरती हूं कि किसी को कुछ पता चल गया तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने कहा- बताएगा कौन … तुम?
वह बोली- नहीं.
तो मैंने बोला- मैं भी नहीं बताऊंगा.
अब मैं उसको किस करने लगा, धीरे धीरे उसके बूब्स को टॉप के ऊपर से दबाने लगा.
इतने मैं नीचे किसी के आने की आवाज सुनाई थी.
हम दोनों अलग हो गए.
फिर जब भी मौका मिलता, मैं कभी उसको किस कर लेता … कभी बूब्स दबा देता.
उससे ज्यादा मौका नहीं मिल पा रहा था.
ऐसे ही ऐसे दो महीने गुजर गए.
फिर मैंने अन्नू से कहा- अन्नू घर पर सब लोग रहते हैं. मुझे तुमसे प्यार करना है. कहीं बाहर चलें?
वह बोली- कहां?
मैंने कहा- तुम कल ट्यूशन मत जाना. मैं आ जाऊंगा. ट्यूशन के बहाने तुमको लेने आ जाऊंगा.
उसने कहा- ओके.
अगले दिन मैं सुबह आठ बजे उसे लेने चला गया क्योंकि उसकी ट्यूशन आठ से ग्यारह बजे तक की होती थी.
हमारे पास तीन घंटे थे.
मैंने उसे बाइक पर बैठाया और उसको लेकर होटल चला गया.
वह डर रही थी कि कहीं कोई प्राब्लम न हो जाए.
मैंने उसको समझाया तो वह मान गई.
मैं उसको लेकर होटल के कमरे में पहुंच गया.
कमरे में पहुंचते ही मैंने गेट बंद कर दिया और उसको लगे से लगा लिया.
वह भी मेरे गले से लग गई और किस करने लगी.
मैंने उसका बैग उसके कंधे से उतार दिया और उसको बेड पर उठाकर ले गया.
मैं धीरे धीरे उसको किस करने लगा और उसका टॉप निकाल दिया।
वह अपने बूब्स को छुपाने की कोशिश करने लगी.
मैंने उसके हाथों को हटा दिया और बूब्स को दबाने लगा.
अभी उसकी ब्रा ने उसके मम्मों को छिपाया हुआ था तो मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया.
उसके बूब्स एकदम संगमरमर की तरह सफेद, चमक रहे थे.
फिर अपने एक हाथ को नीचे ले जाकर मैंने उसकी जींस के बटन को खोला और नीचे को सरका दिया.
उसने खुद ही अपनी जींस को उतार दिया.
अब वह मेरे सामने केवल पैंटी में रह गई थी.
मैं उसको किस करने लगा और अपने एक हाथ को उसकी पैंटी में डाल दिया.
उसकी chut गीली हो चुकी थी.
वह मेरे हाथ को रोकने लगी लेकिन मैं नहीं माना.
कुछ देर chut को सहलाने के बाद अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए और अपना Lund उसके हाथ में दे दिया.
वह मेरे Lund को देख कर डर गई, बोली- भाई इतना मोटा कैसे जाएगा?
मैंने प्यार से कहा- तू टेंशन मत ले. ये तुम्हारी chut में आसानी से घुस जाएगा. बनाने वाले ने chut को रबर जैसा बनाया होता है. शुरू शुरू में थोड़ा दर्द होगा, लेकिन Lund घुस जाएगा.
वह बोली- मैंने अभी तक कभी किया नहीं है.
मैंने कहा- हां तो क्या हुआ, कभी न कभी तो किसी न किसी के साथ करोगी ही. आज ही शुभ मुहूर्त है. तुम्हारा काम हो जाएगा.
वह मेरी बात से संतुष्ट हो गई और उसने मन पक्का कर लिया कि आज ही अपने भाई के लौड़े से chut की सील तुड़वानी है.
अब मैंने भी देर करना ठीक न समझा, उसको चित लिटा दिया और उसकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया.
उसकी chut पाव रोटी सी फूली हुई एकदम लिसलिसी हुई पड़ी थी.
मैंने उसकी chut पर अपनी जीभ टिका दी और chut को चाटने लगा.
वह मचलने लगी और कुछ ही पलों में उसकी गांड उठने लगी.
यह एक इशारा था कि chut में आग लग गई है और अब ये आग लौड़े से ही बुझेगी.
मैंने लौड़े को chut पर टिका दिया.
वह बोली- कुछ चिकनाई लगा लो.
मैंने इधर उधर देख कर उसी से कहा- तेरे बैग में वैसलीन होगी?
वह बोली- हां है.
मैंने उसके बैग से वैसलीन निकाली और अपने लौड़े पर वैसलीन लगाकर उसको चिकना कर दिया.
फिर मैं वापस लौड़े को हाथ में लेकर chut के पास आ गया.
उसने भी अपनी chut को फैला दिया.
मैं उसकी chut पर Lund लगाकर धीरे धीरे अन्दर डालने लगा.
जैसे ही Lund का टोपा उसकी chut के अन्दर गया, उसकी आंखें फैल गईं और वह बस चिल्लाने वाली थी कि मैंने उसके मुँह को मुँह से किस करते हुए बंद कर दिया था.
Lund का सुपारा chut में फँसा का मैं एक मिनट के लिए रूक गया.
फिर मैंने धीरे धीरे आधा Lund उसकी chut में पेल दिया.
उसकी चीख निकल गयी और chut से खून निकलने लगा.
वह रोने लगी और बोलने लगी- भाई मुझसे नहीं होगा, प्लीज बाहर निकाल लो.
मैंने उसको समझाया और किस करने लगा.
जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने एक झटके में पूरा लवड़ा अन्दर डाल दिया.
वह बेहोश सी हो गई.
फिर जब वह धीरे धीरे सही होने लगी तो मैं Lund अन्दर बाहर करने लगा.
धीरे धीरे चुदाई के कारण होने वाला दर्द खत्म हो गया और मेरी बहन को मजा आने लगा.
अब मैं खुलकर उसको चोदने लगा.
उसको भी मजा आने लगा.
वह मुझे अपने सीने से चिपका कर मुझे चूमने लगी और मेरे मुँह में अपना मुँह लगा कर सेक्स का मजा लेने लगी.
दस मिनट तक मैंने उसको बिना रुके चोदा, फिर मैं झड़ने वाला हो गया था.
मैंने उससे पूछा- अन्नू कहां निकालूँ?
उसने कहा- भाई मुझे अन्दर ही लेना है.
मैंने तीन चार जोर से झटके दिए और मेरा रस उसकी chut में ही निकल गया.
फर्स्ट सेक्स विद सिस्टर करने के बाद हम दोनों चिपक कर लेटे रहे.
कुछ देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में जाकर साफ होकर आ गए.
उस दिन हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया.
उससे सही से चला नहीं जा रहा था.
मैं उसे अपने साथ ले गया और घर पर बोल दिया कि टेबल से टकरा कर चोट आई है.
एक दो दिन में अन्नू सही हो गई.
और उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम होटल जाकर या एक दूसरे के घर में जाकर कर चुदाई लेते थे.
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