सौतेली माँ की बेटे ने मसल कर ली | Maa ki chudai

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Maa ki chudai – नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम कमलेश नट है.

यह मेरे और मेरी सौतेली मम्मी के बीच हुई सत्य घटना है.

मेरी सौतेली मम्मी का नाम रचना है (ये नाम बदला हुआ है.) उनकी उम्र 35 साल की है और वे एक गृहणी हैं. उनका फिगर काफी मादक है.

मां के तने हुए 34 इंच के चूचे 28 की बलखाती कमर और 36 इंच की बाहर को निकली हुई एकदम गोल गांड है. उनका ये मतवाला जिस्म किसी को भी पागल कर देने के लिए काफी है.

हम लोग गांव में रहते हैं. हमारा गांव में एक छोटा सा कच्चा मकान है. उसी में एक छोटा सा आंगन भी है.

दोस्तो, हम लोग एक ऐसे वर्ग से आते हैं, जिसमें गांव गांव नौटंकी और नाच गाना आदि करके पेट पालना होता है.

हालांकि मैं एक पढ़ने वाला युवा हूँ और अपने इस पैतृक व्यवसाय से दूर रहना चाहता हूँ. मैं और मेरी मां इस काम से दूरी बना कर रहते थे और पापा को भी इससे कोई दिक्कत नहीं थी.

मेरी मां की मृत्यु के बाद पापा ने अपनी उम्र से करीब बीस साल छोटी लड़की से शादी की और उसे मेरी सौतेली मां बना कर घर ले आए.

मेरे पिता के पास पैसा है और उन्होंने एक गरीब मगर खूबसूरत लड़की को अपनी अंकशायनी बना लिया था.

शुरुआत के सालों में पापा ने मम्मी को खूब शारीरिक सुख दिया, पर उसके बाद पापा की chudai की क्षमता खत्म हो गई और मम्मी की शारीरिक भूख बढ़ने लगी.

यह बात मुझे मालूम थी और मेरी कामुक नजरें अपनी मम्मी की मादक जवानी पर टिक गई थीं.

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मम्मी ने भी मेरी नजरों को पढ़ लिया था और वे भी मेरे सामने बिंदास रहने लगी थीं. मुझे उनके कामुक जिस्म के दीदार होने लगे थे.

पापा के बाहर चले जाने के बाद घर में मम्मी मुझे उत्तेजित करने जैसी बहुत हरकतें करती थीं. जैसे खुले आंगन में नहाते समय सिर्फ एक पेटीकोट पहन कर उसे अपने मम्मों पर चढ़ा लेती थीं और नहाने के बाद गीले पेटीकोट में ही अपने कमरे में कपड़े पहनने जाती थीं.

उस समय मम्मी जानबूझ कर मुझे आवाज देकर किसी न किसी काम को करने के लिए अपने पास बुलाती थीं जिससे मैं उनके गीले पेटीकोट में से दिख रहे उनके बदन को देख सकूँ.

उनके नारियल जैसे सख्त और नुकीले दूध गीले पेटीकोट में से साफ दिखाई देते थे और चूचियों के निप्पल तो समझो मेरे लौड़े में आग लगा देने के लिए पेट्रोल का काम करते थे.

एक दिन ऐसा ही हुआ. मैं गया और उनका सब कुछ देख कर मैंने मम्मी से पूछा- आपने मुझे क्यों बुलाया है मम्मी?

मम्मी हंस कर बोलीं- बस ऐसे ही. मैंने सोचा कि तुम्हें भूख लग रही होगी, मैं बस अभी कपड़े पहन कर तुझे खाना लगा देती हूँ.

मैंने भी कह दिया- आप मुझे दूध पीने को दे देना, बाकी मैं बाद में देख लूँगा. मम्मी कामुक हंसी हँसती हुई अपने दूध उठा कर बोलीं- ठीक है, तुझे अभी गर्म करके दे देती हूँ.

इस तरह की दो अर्थी बातों से मैंने ये महसूस कर लिया था कि मम्मी मेरे नीचे आने को तैयार हैं. बस मुझे ही हिम्मत करके उन्हें कुछ कहना या करना होगा.

एक बार किसी गांव में एक शादी समारोह था जिसमें डांस के काम के लिए सभी घरवाले चले गए थे. पापा भी उनके साथ गए थे.

घर में मैं और मेरी सौतेली मां ही रह गए थे. जब सब लोग चले गए तो मेरी नजर मेरी मां पर गड़ गई.

मां उस समय किचन में खाना बना रही थीं. मैं उनसे मिलने के लिए बेचैन हो गया.

मैं रसोई में पहुंचा और मैंने उनसे कहा- आज आप बहुत हॉट लग रही हो!

तब मम्मी ने कहा- ज्यादा झूठ मत बोल, मुझसे मजाक मत किया करो. गांव में तुम्हें कोई और नहीं मिला … जाओ जाकर किसी और से मजाक करो. मैंने कहा- नहीं, मैं मजाक नहीं कर रहा हूं … आप वाकयी बहुत हॉट और क्यूट लगती हो. अगर कोई भी आपको एक बार देख ले, तो पक्का उसके मुँह में पानी आ जाएगा.

इतना बोल कर मैं एकदम से चुप होकर बाहर की ओर देखने लगा. वे मुझे एकटक देखी जा रही थीं. हालांकि उन्होंने कुछ नहीं बोला मगर लग रहा था कि वे मन ही मन बहुत खुश हो रही थीं.

मैं कुछ देर रुकने के बाद बाहर चला गया और दोस्तों के साथ समय बिताने लगा. उधर मैं गांव के लड़कों के साथ दारू पीकर मस्ती करने लगा.

शाम को मैं घर वापस लौटा तो मैंने देखा कि मां खाना बना कर बैठी थीं.

जब मैं उनके पास गया तो उन्होंने कहा- आज बड़ा बदला बदला सा लग रहा है? मैंने कहा- आप ही बता दो ऐसा आपको क्यों लग रहा है?

उन्होंने कुछ नहीं बोला और खाना खाने के लिए पूछा. मैंने हामी भर दी और उन्होंने दोनों का खाना परोस दिया.

कुछ मिनट में हमारा खाना खत्म हुआ और उसके बाद मैंने जाकर घर का फाटक बंद कर दिया और उसमें ताला लगा दिया.

ताला लगाने के बाद मैं फिर से उनके पास आया. वे सामने खड़ी थीं.

मैंने मां से सीधे-सीधे बोल दिया- आप अपनी मर्जी से दे रही हो या मैं जबरदस्ती से ले लूं.

वो जैसे कुछ समझ नहीं पाईं और मेरी तरफ देखती रहीं. इसके बाद उन्होंने कहा- तुम क्या कह रहे हो … मैं क्या न दूं तुझे, जो तू जबरदस्ती लेने की बात कर रहा है?

मैंने आगे जाकर उनके हाथ को अपने हाथ में लिया और उनके हाथ पर एक किस कर दिया.

किस करने के बाद मैंने उन्हें घुटने पर बैठकर कहा- आई लव यू मम्मी. उन्होंने भी कहा- आई लव यू टू बेटा … लेकिन तू आज मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की तरह प्यार करने जैसी बात क्यों कर रहा है?

मैंने कहा- मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड ही तो मान रहा हूं. उन्होंने कहा- यह गलत है.

मैंने कहा- इसमें कुछ भी गलत नहीं है मां … तुम एक औरत हो और मैं एक मर्द हूं. इसमें क्या दिक्कत है? उन्होंने कहा- मुझे इसके बारे में पहले सोचना पड़ेगा.

मैंने कहा- तो सोच लो आज पूरा मौका है. मैं आपको बेहद प्यार करता हूँ. वे मुस्कुरा दीं.

उनकी मुस्कान देख कर मेरी खुशी का ठिकाना न रहा. मैंने आगे बढ़ कर उनके गाल पर एक चुम्मी ले ली.

वे सिहर गईं और कुछ दूर को हो गईं.

फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने वहीं पर खड़े खड़े मुझसे कहा- यह गलत होगा! मैंने कहा- कुछ गलत नहीं होगा, प्लीज मम्मी मान जाओ ना! हमारे परिवार में सेक्स को लेकर सब कुछ खुला है.

मां ने कहा- हां, वो तो ठीक है … पर मां बेटे में सेक्स नहीं होता है.

मैंने कहा- तुम मेरी सौतेली मां हो और जवान हो. मेरा बूढ़ा बाप अब तुम्हारी आग को शांत नहीं कर पाता है. ये सुनकर मेरी मां मुस्कुराने लगीं.

कुछ देर बाद उन्होंने कहा- ओके, पर यह बात किसी और को पता नहीं चलना चाहिए. मैंने कहा- ठीक है.

मैंने आगे होकर उनको अपनी बांहों में भर लिया. बांहों में भरने के बाद मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा.

पहले पहल मां ने साथ नहीं दिया पर बाद में वे मेरे साथ किस करने लगीं.

लगभग दस मिनट तक हमारा किस चला. इसके बाद उन्होंने मुझे अलग किया और कहा- आज रात को हम वो सब करेंगे. मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा.

उन्होंने कहा- पहले कंडोम की व्यवस्था करो. अभी पहली बार में ही मुझे तुम्हारा बच्चा नहीं चाहिए.

मैं बाहर आया और बाहर आकर मैं गांव की आशा बहन जी के घर गया. आपको मालूम होगा कि आंगनबाड़ी में जो महिला काम करती हैं, उन्हें आशा बहन जी कहा जाता है.

मैंने उन्हें एक पर्ची पर कंडोम की जगह प्रोटेक्शन लिख कर दे दिया. उसे लगा कि ये मैंने किसी और के लिए मांगे हैं.

तब भी उसने पूछा- तुम्हें ये क्यों चाहिए? मैंने कहा- मेरे मम्मी मंगा रही हैं.

उसने मुझे संदेह की नजर से देखा. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ … मेरी मम्मी कुछ गलत दवा मंगा रही हैं.

वे समझी कि मुझको पढ़ना लिखना नहीं आता.

उसने दो पैकेट कंडोम के दे दिए. उसके बाद मैं घर आ गया.

इसके बाद मैं गेट बंद करके रूम में आ गया. सामने मां बड़ी वासना भरी नजरों से मेरी तरफ देख रही थीं.

हम दोनों ने एक दूसरे को देखने के बाद मूक इशारा किया और मां बिस्तर पर जाकर लेट गईं. मैं उनके ऊपर चढ़ गया.

मगर मेरी किस्मत भी साली गधे के Lund से बंधी थी. उसी समय दरवाजे पर कुछ आहट मिली.

मैंने वहां जाकर देखा तो पापा जी आ गए थे. मेरी तो गांड फट गई, पैरों के नीचे से जमीन सरक गई.

यह तो अच्छी बात हुई थी कि अभी हमने कपड़े नहीं निकाले थे इसलिए आज तो बच गए थे.

पापा ने मां से कहा- खाना लगा दो.

वे दारू के नशे में थे तो ज्यादा कुछ नहीं हुआ.

खाना खाकर वे दोनों कमरे में चले गए. मैंने दरवाजे की झिरी से झांका, तो पापा ने मम्मी के कपड़े उतारे बिना ही उनकी साड़ी ऊपर की और Lund पेल दिया.

बमुश्किल एक दो मिनट उन्होंने पुल्ल पुल्ल जैसा कुछ किया और मम्मी के बाजू में लुढ़क गए.

मम्मी ने बड़ी बेरुखी से उनकी ओर देखा और अपनी chut में उंगली करने लगीं.

मैंने समझ लिया कि मेरा 55 साल का बाप 35 साल की जवान मम्मी को संतुष्ट नहीं कर पाता है और इसी लिए मेरी सौतेली मम्मी मेरे साथ सैट हो गई थीं.

उस रात तो कुछ नहीं हुआ. लेकिन अब हम दोनों के बीच छिपा हुआ इश्क चलता रहा. कभी चोरी छुपे मैं मम्मी को किस कर देता था, तो कभी हम दोनों में लिप लॉक हो जाता था.

फिर एक दिन मौका मिल गया. उस दिन पापा घर पर नहीं थे. घर के बाकी के सदस्य भी किसी दूसरे गांव में नौटंकी का प्रोग्राम देने गए थे.

उस दिन मां ने मुझसे कहा कि आज रात को जश्न करेंगे. मैंने समझ लिया कि आज मां की chut मिलेगी.

मैंने कहा- क्या ले आऊं … जश्न के लिए? मां ने कहा- कंडोम तो उसी दिन के रखे हैं. अपने लिए कुछ लाना हो तो ले आना.

मैंने समझ नहीं सका. मां ने हाथ के इशारे से दारू पीने का कहा तो मैं समझ गया.

उस दिन बाजार से मैं देसी मसाले वाली दारू और कुछ नमकीन ले आया. रात आठ बजे से हम दोनों कमरे में आ गए और हम दोनों ने दारू पार्टी शुरू कर दी.

मां ने तीन गिलास दारू जल्दी जल्दी गटक ली और नशे में झूमती हुई बोलीं- ला … एक बीड़ी दे. मैंने सामने के आले में से बीड़ी और माचिस उठा कर मां को दे दी.

मां ने एक बीड़ी सुलगाई और बंडल माचिस मेरी तरफ बढ़ा दिया- ले तू भी सुलगा ले. मैंने बीड़ी सुलगाते हुए कहा- कुछ दिखाओ तो मजा आए!

मां ने हंस कर अपना पल्लू गिरा दिया और बोलीं- ले दूध पिएगा.

मैंने मां के रसभरे मम्मे देखते हुए हाथ आगे बढ़ा दिया और उनके एक दूध को दबा दिया. मां- आह साले मादरचोद बनना चाहता है?

मैंने हंस कर उनके ब्लाउज को खींच कर फाड़ दिया और कहा- हां तू भी अपने लौंडे से चुदवाने को मचल रही है.

हम दोनों हंसने लगे और chudai का खेल शुरू हो गया.

जल्दी ही हम दोनों नंगे हो गए थे और मां ने मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया था.

वे कह रही थीं कि तेरा बाप अब ढीलू राम हो गया है. साले का Lund अन्दर जाते ही झड़ जाता है.

मैंने कहा- हां मैंने देखा है. अब वे chudai में फुस्स हो गए हैं. पर तू चिंता मत कर रच्चो … आज तेरी chut का भोसड़ा बनना तय है.

मेरी मां मेरे मुँह से अपना नाम रचना की जगह रच्चो सुनकर बहुत खुश हुईं और हम दोनों का chudai समारोह शुरू हो गया.

मैंने अपनी सौतेली मां की टांगें फैलाईं और उनके chut के मुहाने पर लौड़ा टिका दिया. मां ने गांड उठा कर Lund पेलने का इशारा किया.

मैंने उसी पल Lund को chut में पेल दिया. मां की चीख निकल गई और अगले कुछ पल बाद वे लौड़े के साथ खेलने लगीं.

उस रात मैंने मां को तीन बार चोदा और एक बार उनकी गांड भी मारी.

सुबह चार बजे तक chudai समारोह चला और उसके बाद हम दोनों सो गए.

अब हम दोनों मां बेटे खुल कर chudai का मजा लेते हैं. दोस्तो, जैसा कि मैंने बताया कि हम लोग नाटक नौटंकी वाले वर्ग से आते हैं और हमारे परिवार की औरतें व लड़कियां किसी भी मर्द से चुदने में कोई गुरेज नहीं करती हैं, बस पैसा मिलना चाहिए.

इसी वजह से कुछ समय बाद मेरी सौतेली मां रचना ने भी मेरे साथ एक डांस प्रोग्राम में हिस्सा लिया और उधर chudai का खेल भी हुआ. मेरी मां अपनी सहमति से कुछ लोगों से चुदने को राजी हो गईं.

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