Moti aunty ki chudai kahani – चुदाई कहानी में मेरे किराये के कमरे वाली बिल्डिंग में एक आंटी भी रहती थी. वह चालू किस्म की थी. एक बार मैंने उन्हें किसी पड़ोसी से चुदवाती देखा.
दोस्तो, मेरा नाम राज है. मैं बिहार से हूँ.
मैं गोरे रंग का आकर्षक लड़का हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच की है. मेरा Lund 7 इंच लंबा है और 3.5 इंच मोटा है.
मेरी हॉट सेक्स स्टोरी काफी अलग है.
यह Xxx UP चुदाई कहानी उस वक्त की है जब मैं गबरू जवान हो गया था.
मैं अब उन आंटी के बारे में बताता हूँ, जिनको लेकर यह सेक्स कहानी लिखी गई है. उनका नाम रेणु है.
आंटी के दो बेटे हैं और वे दोनों मेरी उम्र के ही हैं.
उनकी पूरी फैमिली फिलहाल कानपुर उत्तरप्रदेश रहती है.
इससे पहले सब गांव में ही रहते थे.
अब वे अपने बच्चों के साथ कानपुर शहर में आ गई हैं.
जिधर आंटी रहती थीं, उसी मकान के एक हिस्से में मेरा कमरा था.
उनका मरियल हज़्बेंड भी कानपुर में एक कंपनी में काम करता था और वहीं रहता था.
आंटी के दोनों लड़के वहीं अपने पापा के साथ रह कर पढ़ते थे.
इस मकान में आंटी के साथ उनकी छोटी बेटी रहती थी.
एक ही मकान में रहने के कारण आंटी मुझसे काफी बात करने लगी थीं और मैं भी उनके बाजार आदि के काम में उनके साथ जाने लगा था.
आंटी अपने जलवों के चलते काफ़ी पॉपुलर हैं.
मेरा मतलब है कि जब वे मार्केट जाती थीं तो ऑटो वालों से इसलिए दोस्ती कर लेती थीं ताकि उनका किराया ना लगे.
उन्होंने और भी गांव के दुकान वालों से रिश्ता बना लिया था.
कभी वे उनसे अपनी चूचियां दबवा लेती थीं तो कभी चूचियां दिखा कर ही अपना उल्लू सीधा कर लेती थीं.
आंटी गजब की सेक्सी तो हैं ही, साथ ही वे साड़ी भी ऐसी पहनती हैं कि सब कुछ दिख जाए.
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उनका गहरे गले वाला ब्लाउज ऐसा कि देखने से ही रंडी की तरह साली के आधे बूब्स दिखते हैं.
मैं जब भी उनके साथ मार्केट जाता था तो भीड़ में हमेशा उनके पीछे चलता था. मुझे उनकी Gaand से Lund टच करने की खुजली होती थी.
जब वे दुकान वाले के सामने झुक कर अपने चूचे दिखाती थीं तो एकदम रंडी बन जाती थीं.
मादरचोद पीछे से मेरा Lund खड़ा कर देती थीं और साला दुकान वाला उनके आगे खड़ा Lund हिलाने लगता था.
इस सबका मजा लेती हुई आंटी अपने आपको हिला कर अपने चूचे दिखाती रहती थीं.
मैं तो आंटी के साथ कुछ भी करने से डरता था लेकिन तब भी मेरी उन पर हमेशा नज़र रहती थी.
जब भी मैं आंटी के घर में जाता, तो उनके कमरे वाले बाथरूम में जरूर जाता.
उधर उनकी ब्रा लटकती रहती थी.
मैं हमेशा उस ब्रा में मुठ मारने के लिए उसे अपने लौड़े पर लपेट लेता था.
मैंने उनकी ब्रा से ही बूब्स का साइज़ देखा था.
एकदम टाइट कसे हुए चूचों के साथ आंटी कहर ढहाती रहती थीं.
उनका हज़्बेंड सिंगल पसली का था जबकि वे खुद एकदम कण्टाप माल थीं.
एक बार मैं रात में सोकर 3 बजे उठ गया और तभी आंटी भी उठ गईं.
मुझे बाथरूम जाना था.
मेरा वाला बाथरूम घर से बाहर था तो वे बोलीं- कि चलो, मैं तुम्हारे साथ चली चलती हूँ. तुमको अकेले जाने में डर लग रहा होगा.
मैं चल दिया.
पहले मैं ही बाथरूम में अन्दर गया, वे बाहर थीं.
लेकिन तभी कुछ आवाज़ आई.
मैं जल्दी से बाहर गया तो आंटी बाहर नहीं थीं.
जब आगे आया तो एक पड़ोस के ही अंकल अपने घर के बाहर सो रहे थे.
वे आंटी को उल्टा करके दीवार से सटा कर ज़बरदस्ती चूचियां दबा रहे थे.
उसका नाम सूरज था.
मैं यह दृश्य देख कर चौंक गया और मेरा Lund फट से तन गया.
उन दोनों को मालूम चाला कि मैं बाथरूम से बाहर आ गया हूँ तो आंटी जल्दी ही उनसे अलग होकर भाग आईं.
मैं अनजान बनने का नाटक कर रहा था.
लेकिन इतना समझ गया था कि उनकी chut एक मजबूत Lund खोज रही है.
इधर आंटी गर्म हो गयी थीं.
वे बाथरूम में जाने लगीं तो मैं बोला- आंटी मुझे डर लगेगा.
उन्होंने कुछ सोचा और बोलीं- आ तू भी अन्दर आ जा!
मैं भी बाथरूम में गया, एक साइड में खड़ा हो गया.
वे तो अपनी साड़ी से chut ढक कर मूत रही थीं लेकिन उनकी Gaand मुझे छेद के साथ साफ दिखाई देने लगी और पीछे से हल्के हल्के chut के बाल भी दिख रहे थे.
उनकी झांटें देख कर मेरा मूड खराब हो गया.
मैं एकदम हड़बड़ा गया था.
उन्हें मूतते देख कर समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं और क्या न करूं.
मेरा मन कर रहा था कि अभी आंटी को पकड़ लूँ!
लेकिन कैसे कर लेता यार … उनकी Gaand देखकर मेरी Gaand फटी पड़ी थी और बाहर वह मादरचोद अंकल भी हो सकता था.
मैंने जैसे तैसे बर्दाश्त किया.
फिर जब वे उठीं तो मैं अपना चेहरा दीवार की तरफ करके खड़ा हो गया.
अब हम दोनों घर में आ गए.
वे अपने कमरे में चली गईं और मैं खुले में लेटा था तो मुझे नींद नहीं आ रही थी.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि आंटी फिर से बाहर जा रही थीं.
मैं भी दबे पांव पीछे पीछे चल दिया.
वे बाहर गईं तो मैंने देखा कि वह साला अंकल अभी भी बाथरूम की दीवार के पास खड़ा था.
आंटी उसी तरफ धीरे धीरे जा रही थीं. मैं भी हौले हौले आंटी के पीछे जा रहा था.
उनके जाते ही सूरज ने सीधा चूचियों को पकड़ा और दबाने लगा.
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आंटी एकदम मजे में उसके उसके ऊपर निढाल हो गईं और उसका Lund हाथ में पकड़कर हिलाने लगीं.
तभी सूरज ने अपना Lund उनके मुँह में पेल दिया.
आंटी की आवाज़ तो नहीं आ रही थी लेकिन वे एकदम से हड़बड़ा गई थीं.
फिर आंटी मजे से Lund चूस रही थीं.
शायद आंटी के पास टाइम कम था, जल्दी से सूरज के Lund को मुँह से निकाला और साड़ी उठा कर आंटी को झुका दिया.
फिर जल्दबाज़ी में अपने मुँह से थूक को निकाला और आंटी की chut पर लगाकर अपना Lund एकदम से chut में पेल दिया.
लेकिन जल्दबाजी में Lund फिसल गया और आंटी तिलमिला गईं.
सूरज ने फिर से धीरे से Lund को chut में डाला.
मैं तो वह सीन देख कर वासना से कांपने लगा था … मालूम नहीं क्यों, पर मैं बहुत बेचैन हो रहा था.
उधर सूरज अब झटके मारने लगा था कभी स्लो पेलता तो कभी फास्ट.
कुछ ही देर में आंटी मस्त हो गई थीं और वे जरा सी भी आवाज़ नहीं निकाल रही थीं.
आंटी अपने मुँह को दाब कर रखी हुई थीं.
सूरज उनकी चुदाई करता हुआ मज़े ले रहा था.
आंटी भी एकदम बेचैन हो रही थीं और कह रही थीं कि जल्दी कर लो.
लोगों के डर के कारण वे दोनों जल्दी जल्दी चुदाई करने में लगे थे.
मैं भी डर रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए.
वरना चुदाई अधूरी रह जाएगी.
कुछ देर बाद जब सूरज हटा तो आंटी भी सीधी होने लगीं.
मैं घर आ गया और आकर सो गया.
अगले दिन जब मैं सो कर उठा तो 8 बज रहे थे.
सब अपने अपने काम में बिज़ी थे.
मैं आंटी को खोज रहा था.
मैंने उनकी बेटी पूजा से पूछा तो पूजा बोली- मम्मी कपड़े धो रही हैं.
वे बाहर वाले बाथरूम में थीं.
मैं भी उधर आ गया.
उस दिन शायद आंटी भी देर से सो कर उठी थीं.
वे काफ़ी देरी से कपड़े धो रही थीं.
मैं बाथरूम की तरफ गया, तो दरवाजा बंद था.
मैंने आवाज़ लगाई तो आंटी ने दरवाजा खोल दिया.
उनके चेहरे पर एकदम ग्लो आ गया था.
आंटी भीगी हुई नाइटी में खड़ी थीं. वे बिना ब्रा की नाइटी में थीं. उनके भीगे हुए चूचे क्या गजब लग रहे थे.
मैं तो वही सब देख रहा था.
वे बोलीं- क्या हुआ?
मैं- नहीं, कुछ नहीं … बस आपका काम हो गया?
वे बोलीं- नहीं अभी टाइम लगेगा. तुझे क्या है?
मैं बोला- ब्रश करना है और नहाना है.
वे बोलीं- अन्दर आ जा ना.
मैं अन्दर आ गया.
उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया.
मैं तो खुश हो गया.
वे बैठ कर कपड़े धोने लगी थीं और मैं उनके पीछे खड़ा होकर ब्रश करने लगा.
जब वे आगे पीछे होतीं तो मेरा पैर उनकी Gaand को टच कर रहा था.
मैं मजे ले रहा था.
उनका तो मालूम नहीं था.
फिर मैं थोड़ा सा आगे को हो गया जिससे उनकी Gaand एकदम से मेरे पैर पर लड़ गयी.
उनका अब भी कोई रेस्पॉन्स नहीं था.
मैंने सोचा कि अब तो नहाना ही है; तो मैंने पूरे कपड़े खोल दिए, सिर्फ़ अंडरवियर में रह गया था.
वे मुझे देखती हुई बोलीं- क्या हुआ?
मैंने कहा- कुछ नहीं, नहाना है!
वे बोलीं- हां, नहाना तो है.
मैंने कहा- एक काम कीजिए, आप ना पहले मुझे नहला दीजिए.
वे बोलीं- मैं तुझे क्यों नहलाऊं?
मैंने कहा- अरे मेरे हाथ में कल रात को चोट लग गई है, तो प्लीज.
इस पर वे बोलीं- ओके चल आ जा!
मैं अपने खड़े Lund के साथ उनके सामने जाकर बैठ गया.
जब उन्होंने Lund को देखा तो उनके चेहरे पर एक चमक आ गई.
उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे नहलाना शुरू कर दिया.
उसी समय मैंने भी उनके ऊपर पानी डाल दिया.
वे गुस्सा हो गईं.
मैंने कहा- अरे आप तो पहले से ही भीगी हुई हो, चलो अब मैं आपको भी नहला देता हूँ.
लेकिन वे मान नहीं रही थीं.
मैंने ऐसे ही उनके ऊपर पानी डालना शुरू कर दिया और धीरे धीरे हाथ से मलना भी चालू कर दिया.
हाथ मलवाने से उनको अच्छा लगने लगा और उनका विरोध खत्म हो गया.
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बस फिर क्या था … मैं रिस्क लेकर पीछे आ गया और सीधा हाथ बढ़ा कर उनकी दोनों चूचियां पकड़ लीं.
वे बोलीं- अरे छोड़ … ये क्या कर रहा है तू … तेरा दिमाग़ तो ठीक है?
मैंने कहा- मुझे कुछ नहीं मालूम … बस मुझे अच्छा लग रहा है.
मैंने Xxx UP आंटी के दूध दबाना शुरू कर दिए.
सच बता रहा हूँ दोस्तो, क्या गजब की फीलिंग आ रही थी.
एकदम जन्नत जैसा लग रहा था.
मैंने पूरे 5 मिनट तक आंटी की चूचियों को दबाया.
उन्होंने एक दो बार तो रोकने की कोशिश की.
लेकिन मैंने उनकी चूचियां मसल मसल कर पूरी लाल की दी थीं.
उसी समय उनकी बेटी की आवाज आई- मम्मी, आपको कितनी देर लगेगी?
उन्होंने कहा- बस आ रही हूँ.
फिर वे मुझसे बोलीं- अभी रहने दे, रात का इंतजार कर!
मैंने भी हामी भर दी और आंटी के निकलने के बाद मैं नहा कर आ गया.
अब मैं रात का इंतजार कर रहा था.
मेरा तो ये पहली बार वाला मामला था तो मैंने पूरे दिन पॉर्न देखा और चुदाई की नयी नयी पोजीशन सीखता रहा था.
रात के दस बज गए थे.
सब अपने अपने कमरे में सोने चले गए थे.
मैं बाहर आया, तो मेरा मन मचल रहा था.
इधर उधर देखते हुए मैं दबे कदमों से आंटी के कमरे में गया.
उनकी बेटी छत पर सो रही थी, कमरे में आंटी के अलावा और कोई नहीं था.
मैं तो रूम में जाते ही शुरू हो गया.
वे बोलीं- मेरे शोना, अभी तो पूरी रात पड़ी है. थोड़ा सब्र करो ना!
उनके मुँह से शोना सुनकर मेरा तो जोश और बढ़ गया.
कमरे का दरवाजा बंद करके मैंने आंटी को किस करना शुरू कर दिया.
उनके होंठ चूसते चूसते मुझे पंद्रह मिनट हो गए.
मैं तो उनके मुँह से मुँह लगा कर एकदम गर्म हो चुका था और चरम सीमा पर आ गया था.
मेरे Lund ने हाहाकार मचा रखा था, वह chut chut कर रहा था.
मैंने Lund से उनके पेट में टक्कर देनी शुरू कर दीं और उनके चूचे दबाकर उनको भी एकदम गर्म कर दिया.
आंटी अपने मुँह से धीरे धीरे आवाज़ निकाल रही थीं- आह आह राज … प्लीज राज क्या कर दिया तूने.
उनके मुँह से अजीब अजीब तरह की आवाजें सुनकर मैं और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया.
मैंने उनको नंगी कर दिया और मैं खुद भी नंगा हो गया.
उसके बाद मैंने आंटी को जमीन पर लिटा कर उनके हाथ और पैर बांध दिए.
टांगों को फैला कर बांधा था, तो उनकी chut बड़ी मस्त दिख रही थी.
मैंने उनकी टांगों के बीच में बैठ कर chut चाटना शुरू कर दिया.
जैसे ही मैंने आंटी की chut को जीभ से टच किया, आंटी छटपटा उठीं.
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चूंकि मैंने उनको बांध दिया था तो वे बस मचल कर ही दिखा पा रही थीं.
मचल तो मैं भी रहा था लेकिन उनकी आवाज़ भी बदल गयी थी ‘आह मादरचोद क्या कर रहा है भोसड़ी के … आह.’
आंटी गाली देने लगी थीं.
उनकी गालियां सुनकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया और उनकी chut को जीभ से लपर लपर करते हुए मजे से चाट रहा था.
आंटी ज्यादा देर तक खुद को नहीं रोक पाईं और वे झड़ गईं.
मैंने आंटी की chut का रस चाट लिया और chut को चाट कर एकदम साफ कर दिया.
दोस्तो क्या बताऊं, उनकी chut से निकली मलाई का अजीब सा स्वाद था.
फिर मैंने उनकी तड़प को देखकर अपना Lund उनके मुँह में डाल दिया.
वे पागलों की तरह Lund चूसने लगी थीं और Lund मिल जाने से काफ़ी खुश लग रही थीं.
कुछ देर बाद जैसे ही मैंने Lund को chut पर रखा, वे तो उछलने लगीं.
एक पल को तो मैं हड़बड़ा गया और हट गया.
अब मैंने तेल लगाया और छेद में Lund का सुपारा सैट करके एक ही बार में अन्दर पेल दिया.
Lund chut के अन्दर जाते ही वे छटपटाने लगीं.
ऐसा लग रहा था कि उनका यह पहला मौका था जब वे इतने मोटे Lund से चुदवा रही थीं.
फिर जैसे ही मैंने धक्के लगाना शुरू किए … वे बेचैन हो गईं और चिल्लाने लगीं- आह … आह तेज तेज पेल … प्लीज राज … मजा आ रहा है.
मुझे तो उनकी आवाज़ सुनने में ही मज़ा आ रहा था.
कुछ देर तक उनको चोदने के बाद मैंने उन्हें खोल दिया और अलग अलग पोज़ में काफी देर तक चोदा.
वे मेरे Lund पर निहाल हो गई थीं.
मैंने भी उनको सुबह के चार बजे तक चोदा.
मैं भी कई बार झड़ चुका था. हर बार मैं आंटी की chut में ही झड़ा था.
मैंने एक बार उनकी Gaand भी मारी.
उसके बाद मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.
उसके बाद तो मैं आंटी को लगभग हर तीसरे दिन पेलने लगा था.
उनके साथ और भी मजेदार वाकिये हुए … वो मैं सब एक एक करके आपकी प्रतिक्रिया सुनने के बाद सुनाऊंगा.
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