सगी बहन रोने लगी फिर भी पेल दिया | Sister Chudai

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Sister Chudai – मेरा नाम राहुल है और मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज का पुराना व नियमित पाठक हूँ.
आज मैं अपनी पहली सेक्स स्टोरी आप सब लोगों के सामने पेश कर रहा हूँ.

पहले मैं आप लोगों को अपनी फ़ैमिली के बारे में बताता हूँ.
हमारे घर में चार लोग हैं.
पापा, मां, मैं (उम्र 25 साल) और मेरी एक बहन, जो कि अभी 20 साल की है. उसका नाम रिया है.

मेरी बहन रिया देखने में बहुत ही खूबसूरत है. उसका फ़िगर 34-28-36 का है.
उसका गोरा रंग और ऐसा क़ातिलाना फ़िगर देख कर अब तक ना जाने कितने मर्दों की नली से रस निकल चुका है.

वह ज़्यादातर जींस और टॉप पहन कर बाहर निकलती है और जब लोग उसे देखते हैं तो पक्का उसे मन ही मन चोदने लगाते हैं.
आख़िर ऐसी खूबसूरत लड़की को देख कर किसका Lund खड़ा नहीं होगा.

यह वर्जिन सिस्टर चुदाई कहानी 2 साल पहले की है.

दीपावली का त्योहार आने वाला था तो मां ने हम लोगों को साफ़ सफ़ाई के काम में लगाया था.
साफ़ सफ़ाई करते वक्त मेरी बहन को एक किताब मिली जो उसने मुझे दिखायी.

जब हमने उस किताब को खोला तो देखा कि उसमें सेक्स कहानियां और सेक्स आसनों के बारे में लिखा था.

ये देखकर मेरी बहन पूछने लगी- ये क्या है?
तब मैंने उससे कहा- कुछ नहीं है.

ये कह कर मैंने वह किताब बंद करके अपने पास रख ली.
वह गुस्सा होकर वहां से चली गयी.

शाम को साफ़ सफ़ाई करने के बाद हम सब लोगों ने मिल कर खाना खाया और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चले गए.
मेरी बहन और मैं एक ही कमरे में सोते थे तो मैंने कमरे की लाइट बंद करके नाइट बल्ब जला दिया और उसके सोने का इंतज़ार करने लगा ताकि सुबह मिली किताब को पूरा पढ़ सकूँ.

जब बहन सो गयी तो मैंने धीरे से फ़ोन की लाइट जलायी और वह किताब पढ़ने लगा.
नाइट बल्ब में इतनी रोशनी नहीं होती है कि किताब आसानी से पढ़ी जा सके.
इसलिए मैंने मोबाइल की टॉर्च जला ली थी.

उसमें एक कहानी बहन और भाई के सेक्स की भी थी.
जिसको पढ़ कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया और अपने हाथ से अपने Lund को सहलाने लगा.

जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती गई, मेरा Lund भी पूरी तरह खड़ा होकर चड्डी से बाहर निकलने को होने लगा.

मैंने अपने Lund को अपनी चड्डी से निकाल दिया और मुट्ठ मारने लगा.
मगर दिक़्क़त तब हुई, जब कहानी तो ख़त्म हो गयी मगर मेरी वासना अभी तक शांत नहीं हुई.

तभी मेरी नजर मेरी सोती हुई बहन की नंगी गोरी और चिकनी टांगों पर पड़ी.
उसकी टांगों को देख कर मैं और ज़ोर ज़ोर से मुट्ठ मारने लगा.

मेरी बहन घर पर ज़्यादातर शॉर्ट्स पर ही रहती है पर मैंने पहले कभी भी उसको ऐसी नजरों से नहीं देखा था.
पर पता नहीं आज क्यों मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और देखते ही देखते मेरे Lund ने पानी छोड़ दिया.

सच में आज Lund से पानी भी काफ़ी मात्रा में निकला था.
उसके बाद बहन की गोरी टांगों को देखते देखते पता नहीं कब नींद लग गयी, पता ही नहीं चला.

सुबह जब बहन ने मुझे जगाया, तब मेरी नींद खुली.
वैसे तो रोज मुझे जगाने का काम मेरी बहन ही करती थी, पर पता नहीं आज क्यों उसके जगाने का तरीक़ा कुछ उखड़ा हुआ था.

शायद वह कल की बात को लेकर अब तक गुस्सा थी.
पर अब मेरा मन तो उसकी जवानी के मज़े लेने का होने लगा था, तो मुझे अब कुछ भी करके उसके गुस्से को प्यार में बदलना था.

जब मैं उठकर कमरे से बाहर निकला, तब तक घर से पापा काम पर जा चुके थे और मां किचन में खाने की तैयारी में लगी हुई थीं.

तभी बहन मां को आवाज लगाती हुई बोली- मां, मैं नहाने जा रही हूँ. तब तक आप खाना बना दीजिए. फिर मुझे स्कूल भी जाना है.

अब मैं हॉल पर बैठ कर फ़ोन चलाने लगा. कुछ देर में जब बहन नहा कर निकली तो मैं उसको देखता ही रह गया.

गीले बाल, सफ़ेद तौलिया उसने बूब्स के ऊपर से बांधी हुई थी जकि मुश्किल से उसकी गोरी जांघों तक पहुंच रही थी.
उसके गोरे शरीर पर पानी की वे चमकती बूँदें उफ्फ … क्या मस्त माल लग रही थी.

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उसको ऐसे देखते थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि मेरी तोप ने भी पोजीशन लेनी शुरू कर दी थी.
उसके कमरे में जाते ही में सीधा बाथरूम में घुस गया और मुट्ठ मारने लगा.

तभी मेरी नजर उसकी नीले रंग की ब्रा पर पड़ी.
फिर मैं उसकी ब्रा को अपने Lund में लपेट कर मुट्ठ मारने लगा और पूरा माल उसकी ब्रा पर ही गिरा दिया.

थोड़ी देर में मैं फ़्रेश होकर बाहर निकल आया और खाने के लिए बैठ गया.
बहन भी बैठ कर खाना खा ही रही थी.

तभी मैंने उससे पूछा- तू गुस्सा क्यों है?
उसने कुछ जवाब नहीं दिया.

मैंने दुबारा उससे पूछा तो उसने कहा- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है.

मैंने धीरे से उससे कहा- तू कल की बात को लेकर अब तक गुस्सा है ना! चल तेरा गुस्सा ख़त्म करता हूँ. आज रात को मैं तुझे वह दूँगा, जिसके लिए तू गुस्सा है.

यह सुनते ही उसके चेहरे पर ख़ुशी झलक उठी.
वह बोली- सच भाई?
मैंने कहा- हां एकदम सच.

फिर वह स्कूल के लिए निकल गयी और मैं घर पर रह कर शाम का इंतज़ार करने लगा.
आज का दिन काटे नहीं कट रहा था.
किसी तरह दिन ख़त्म हुआ. शाम हुई, सबने खाना खाया और सोने के लिए मैं अपने कमरे में आ गया.

थोड़ी देर में बहन भी कमरे में आ गयी आज उसने एक हल्की सा जालीदार लाल टॉप और नीचे शॉर्ट्स पहना हुआ था.

वह कमरे में आने के बाद मेरे बग़ल में आकर बैठ गयी और लालच भरी निगाहों से मेरी तरफ़ देखने लगी.
तब मैंने उससे कहा- अभी थोड़ी देर रुको, पहले सभी को सो जाने दो.

दस बजे के पास घर पर मम्मी पापा सो गए थे.
तब मैंने धीरे से उसे उठाया तो वह तुरंत उठ कर बैठ गयी.

फिर मैंने उसे वह किताब निकाल कर पढ़ने को दी और उसे अपने बग़ल मैं बैठ लिया.
वह बहुत ही शांति से सेक्स कहानियां पढ़ने लगी.

मैंने उससे कहा- तुम लेट कर आराम से पढ़ो.
वह भी बिना कुछ बोले लेट कर पढ़ने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके गोरी जांघ पर रख दिया जिस पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
शायद वह कहानी में इतना खो गयी थी कि उसे पता ही नहीं चला.

फिर मैंने अपना दूसरा हाथ धीरे से उसके सिर पर रखा और उसके काले बालों से खेलने लगा.

कुछ देर बाद मैंने धीरे से एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और उन्हें दबाने लगा.
तभी वह बोली- भाई ये क्या कर रहे हो?

मैंने उससे कहा- देखो रिया तुम कहानी पढ़ कर जो महसूस कर रही हो, उससे ज़्यादा मज़ा इसमें आएगा.
तो वह बोली- पर आप मेरे भाई हो!

इस बात पर मैंने उसे भाई बहन की सेक्स कहानी खोल कर पढ़ने के लिए बोला.

वह पढ़ने के बाद बोली- भाई क्या ये सब सच में होता है?
मैंने कहा- और नहीं तो क्या!

फिर मैं धीरे से उसके बूब्स दबाने लगा और उससे कहने लगा- देखो रिया अब तुम बड़ी हो गयी हो. तुम्हें हर चीज की जानकारी होनी चाहिए इसलिए मैं तुम्हें सब कुछ सिखाऊंगा.
इस बात पर वह कुछ नहीं बोली और उसने धीरे से सिर हिला दिया.

अब मैंने बिना टाइम जाया किए उसके मुलायम होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर में वह भी मेरा साथ देने लगी.

फिर धीरे से मैंने अपने दोनों हाथों से उसके टॉप को उतार दिया.

उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, जो उसके गोरे मम्मों को आधा ही ढक पा रही थी.
उस काली ब्रा से बाहर झांकते हुए आधे दूध बड़े ही क़यामत ढा रहे थे.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने लगा, तो वह भी सिसकारियां लेने लगी.

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‘उफ़्फ़ आह आह उफ़्फ …’ करने के साथ ही वह अपने होंठों को भी काट रही थी.
मैं अपने हाथों को और नीचे ले गया और धीरे से उसके शॉर्ट्स को खोलने लगा.

जल्दी ही मैंने उसके शॉर्ट्स को उतार दिया.

शॉर्ट्स के अन्दर उसने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.

हल्की रोशनी में गोरे बदन पर काली रंग की ब्रा और पैंटी उफ़्फ़्फ … मेरी बहन क्या माल लग रही थी.
उसे ऐसे देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उस पर टूट पड़ा.

मैंने उसके होंठों को चूमने से शुरूआत की.
वह भी मेरा जम कर साथ दे रही थी.

कभी उसकी जीभ मेरे मुँह में तो कभी मेरी जीभ उसके मुँह में.
फिर मैं उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसको मम्मों को चूसने और काटने लगा.

वह आहें भरने लगी- उफ़्फ़ ओह्ह आह.

मैंने अपने थूक से उसके दोनों मम्मों की … और पूरे पेट की मसाज सी कर दी.
थूक की मसाज के बाद उसका बदन पूरा चमक रहा था.

इसके बाद मैं अपनी दोनों उंगलियां पैंटी के बग़ल से ही उसकी chut में घुसाने लगा.
उसने झट से अपने पैरों को सिकोड़ लिया.

फिर मैं अपने सिर को नीचे ले जाकर उसके दोनों टांगों के बीच ले गया

उसकी chut बिल्कुल गीली हो चुकी थी.
लग रहा था कि वह भी Lund के लिए तड़प रही थी.

मैंने अपनी जीभ को धीरे से उसकी chut में लगाया और चाटने लगा.
उसकी chut में जीभ लगाते ही जैसे उसकी जान ही निकल गयी हो … उसकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज उठा ‘उफ्फ आह उम्म शीईई आराम से भैया.’
वह मेरा सर पकड़ कर अपनी chut पर दबाने लगी.

थोड़ी ही देर में उसकी chut ने पानी छोड़ दिया और मैं तुरंत उसका पूरा रस पी गया.
शायद ही मैंने उतना स्वादिष्ट रसपान पहले कभी किया था.

वह भी ढीली पड़ गयी.
उसकी गुलाबी chut के होंठ उफ … क्या क़यामत लग रहे थे.

फिर मैंने अपनी चड्डी उतार दी और अपना सात इंच लम्बा Lund उसके हाथ में थमा दिया.
Lund में हाथ लगाते ही वह आंखें फाड़ कर बड़ी सोच के साथ उसे घूरे जा रही थी.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- भाई इतना बड़ा … मुझे डर लग रहा है!

मैंने उससे कहा- अरे कुछ नहीं होगा, तुम पहले इसे चूसो.
पहले तो वह मना करती रही, पर बाद में काफ़ी कहने पर मान गयी.

जैसे ही उसने अपने जीभ से Lund को छुआ आह … मेरा Lund तो फटने को हो रहा था.
उसने मेरे Lund को पूरे मज़े के साथ मुँह में लेना शुरू कर दिया.

बीच बीच में मैं उसका सर पकड़ कर पूरा अन्दर तक Lund डाल देता, जिससे उसकी सांस रुक जाती और वह छटपटाने लगती.

दस मिनट की मुँह चुदाई के बाद वह मुझसे बोली- भाई मेरी chut में खुजली हो रही है, जल्दी से अब कुछ करो.

मैंने भी बिना देर किए उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी गोरी गांड के पीछे एक तकिया सैट कर दिया.

उसकी गुलाबी chut पूरी भीगी हुई थी.
मैंने बिना देर किए अपना Lund उसकी chut के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का झटका दे मारा.

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उसकी chut शायद कभी चोदी नहीं गयी थी क्योंकि झटके के बाद भी मेरा Lund थोड़ा सा ही उसकी chut में घुस पाया और वह चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों में पानी भर आया.

मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर से एक झटका मारा. मेरा Lund उसकी chut को फाड़ते हुए सीधा अन्दर प्रवेश कर गया और उसकी चीख निकल गयी.

मैं डर गया कि कहीं कोई सुन ना ले इसलिए मैं तुरंत उसके होंठों को चूमने लगा और उसके दर्द के कम होने का इंतज़ार करने लगा.

जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, मैंने धीरे धीरे अपना Lund अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

कुछ देर में उसे भी मज़ा आने लगा.
वह भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर लपेट कर मज़े लेने लगी- उफ़्फ़ आहह हम्म्म शीई ओह आह और तेज … और तेज यस ऐसे ही चोदो … आह फाड़ दो मेरी chut आज … आह!

उसकी कामुक आवाज़ें निकलने लगीं.
बहन की गर्म आवाजें मुझे और भी परवान चढ़ा रही थीं. मैंने भी उसे हचक कर चोदना शुरू कर दिया.

वह और तेज चिल्लाने लगी- फ़क मी … और तेज आज भोसड़ा बना दे मेरी chut का … आह!

वह उस वक्त बिल्कुल चुदी चुदायी लड़की के जैसी चुद रही थी, लग रहा था कि बहुत Lund ले चुकी हो.

क़रीब 30 मिनट की जबरदस्त चुदायी के बाद मैंने अपना माल उसकी chut के अन्दर ही छोड़ दिया.

उस पूरी रात में मैंने उसे 4 बार चोदा और फिर कब हमारी आंख लग गयी, पता ही नहीं चला.

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